कोरोना का असर : अमरनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन अस्थायी तौर पर किया गया निलंबित, हालात में सुधार होने पर दोबारा होगी शुरू
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने कहा कि कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन को अस्थायी रूप से निलंबित किया जा रहा है. स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और स्थिति में सुधार होते ही इसे फिर से खोल दिया जाएगा.
श्रीनगर : कोरोना की दूसरी लहर का गंभीर असर दिखाई देने लगा है. देश के कई राज्यों में स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया है, तो परीक्षा बोर्डों की ओर से 10वीं का एग्जाम रद्द कर दिया गया है, जबकि 12वीं बोर्ड की परीक्षा को जून तक के लिए टाल दिया गया. ऐसे में, खबर यह भी आ रही है कि अमरनाथ यात्रा के लिए होने वाले रजिस्ट्रेशन को फिलहाल अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया गया है.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने कहा कि कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन को अस्थायी रूप से निलंबित किया जा रहा है. स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और स्थिति में सुधार होते ही इसे फिर से खोल दिया जाएगा.
बता दें कि इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए 15 अप्रैल से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया गया था और आगामी 28 जून से यात्रा की शुरुआत होनी थी. इसके मद्देनजर बीते 1 अप्रैल से जम्मू-कश्मीर बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और यस बैंक की 446 शाखाओं में रजिस्ट्रेशन की ऑफलाइन प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी. वहीं, रजिस्ट्रेशन की ऑनलाइन प्रक्रिया 15 अप्रैल से शुरू की गई. इस बार बाबा अमरनाथ की यात्रा 28 जून से 22 अगस्त चलेगी और 22 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार भी है.
पिछले साल भी कोरोना महामारी के चलते यात्रा को स्थगित करना पड़ा था. पूरी यात्रा की अवधि में केवल सांकेतिक पूजा ही हो पाई थी, लेकिन इस साल सरकार ने 6 लाख यात्रियों के आने की उम्मीद जताते हुए प्रशासन को तैयारी करने के आदेश दिए हैं. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अनुसार, इस साल की यात्रा में देश भर के सभी अखाड़ा परिषदों को भी न्योता दिया गया है. उधर, श्राइन बोर्ड का कहना है कि पहले 10 दिनों में 30 हजार से ज्यादा लोगों ने यात्रा के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा लिया है. कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुये अमरनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन अस्थायी तौर पर किया गया निलंबित तथा News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें।
Posted by : Vishwat Sen