नई दिल्ली : कोरोना पर शोध करने वाले वायरोलॉजिस्ट भले ही देश में नवंबर-दिसंबर के दौरान तीसरी लहर आने की संभावना जाहिर कर रहे हों और यह दावा कर रहे हों कि आने वाली तीसरी लहर बच्चों को ज्यादा प्रभावित करेगी. लेकिन, दिल्ली में दूसरी लहर के दौरान ही कोरोना वायरस ने गंभीर रूप से बच्चों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है. आलम यह है कि दिल्ली सरकार के अधीन संचालित लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में ही कोरोना वायरस से संक्रमित 40 गंभीर बच्चों को भर्ती कराया गया है. चिंता वाली बात यह है कि इन 40 बच्चों में करीब 15 बच्चे 1 साल से भी कम उम्र के हैं.
हालांकि, एलएनजेपी अस्पताल के पेडियट्रिक डिपार्टमेंट की हेड डॉ उर्मिला झंब ने सोमवार को कहा कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार बड़ी संख्या में बच्चों में संक्रमण नहीं फैला, लेकिन उन्होंने इस बात को लेकर आगाह भी किया है कि इसका मतलब यह नहीं कि तीसरी लहर में ऐसा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि पिछले साल मार्च से दिसंबर के बीच कोरोना से पीड़ित लगभग 400 बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए थे.
डॉ झंब ने आगे कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान 1 अप्रैल से अब तक अस्पताल में बच्चों के करीब 40 ऐसे मामले सामने आए, जिनमें गंभीर संक्रमण था. इनमें से लगभग 15 बच्चे एक साल से कम उम्र के थे. उन्होंने कहा कि हमने इस बार केवल उन मरीजों को लिया, जो गंभीर रूप से पीड़ित थे और जिन्हें ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की जरूरत थी. इसलिए ऐसे मरीजों की संख्या पिछले साल के मुकाबले कम है.
दिल्ली सरकार के अधीन संचालिए सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में 2021 की जनवरी से लेकर अब तक बच्चों में संक्रमण के 75 मामले सामने आए हैं. झंब ने कहा कि मई महीने की शुरुआत में 1 महीने के एक शिशु की कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मौत हो गई. महामारी की तीसरी लहर और बच्चों पर उसके प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर डॉ झंब ने कहा कि दूसरी लहर के दौरान एकत्र किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमण की चपेट में नहीं आए.
Posted by : Vishwat Sen