कोरोना प्रबंधन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 और 20 मई को कई राज्यों के जिला कलेक्टर और नगर आयुक्तों के साथ बातचीत की थी. इस दौरान सभी जिला के कलेक्टरों और नगर आयुक्तों ने पीएम मोदी को अपने जिले और शहर में कोरोना प्रबंधन को लेकर अपनाए जा रहे नये नय उपायों को बताया है. केंद्रीय स्वास्थय मंत्रालय ने उनमें से जो सबसे अच्छी प्रैक्टिस हैं उनको लिस्ट किया है.
-
उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में कोविड केयर सेंटर और आइसोलेशन सेंटर की स्थापना की गयी जो फिलहाल संचालित है. इसके संचालन में रेजींडेट वेल्फेयर एसोसियेशन का सहयोग मिल रहा है.
-
मध्यप्रदेश में मुहल्ला स्तर पर सामुदायिक सहभागिता लाने के लिए प्रखंड से लेकर जिलास्तर के प्रतिनिधियों को इसमें जोड़ गया. जो पिछले बार चुनाव हारे थे उन्हें भी शामिल किया गया ताकि जल्द से जल्द कंटेनमेंट जोन में आइसोलेशन की सुविधा दी जा सके.
-
हरियाणा में कार्यस्थल पर कोरोना वैक्सीन दी जा रही है. इसके अलावा वैक्सीनेशन केंद्रो द्वारा वैक्सीनेशन ड्राइव चलाया जा रहा है.
-
हरियाणा के गुरुग्राम में डिजिटल पोर्टल के जरिये इस बात व्यवस्था की गयी की कोई भी व्यक्ति रियल टाइम पर अस्पताल में बेड की संख्या और उपलब्ध ऑक्सीजन और एंबुलेंस की जानकारी सुनिश्चित करायी गयी.
Also Read: भारत के 50 फीसदी लोग नहीं पहनते हैं मास्क, क्या ऐसे जीत पाएंगे कोरोना से जंग !
-
उत्तर प्रदेश में काशी कोविड रेस्पॉंस केंद्र का बेहतरीन इस्तेमाल किया गया. इसमें वाराणसी ले लोगों को कोरोना से संबंधित जानकारी मिलती थी.
-
चेन्नई में टैक्सी एंबुलेंस सेवा का इस्तेमाल किया गया.
-
चंडीगढ़ में आयुष की दवाओं और आयुष मंत्रालय का कोरोना प्रबंधन के लिए बेहतर इस्तेमाल किया गया.
-
छत्तीसगढ़ के जांगीरचंपा जिले के हाट बाजारों में आयुष काढ़ा का वितरण किया गया.
-
महाराष्ट्र के अहमदनगर में सामुदायिक भागीदारी से कोविड केयर केंद्रो में टीफिन बॉक्स उपलब्ध कराया गया.
-
राजस्थान के बीकानेर में कोरोना के अलावा दूसरी बीमारियों से ग्रामीणों का इलाज करने के लिए मोबाइल ओपीडी वैड की शुरूआत हुई. इसके अलावा ऑक्सीजन की बर्बादी रोकने के लिए प्रत्येक अस्पताल में ऑक्सीजन मित्र रखे गये.
Also Read: कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के तैयार केजरीवाल सरकार, टास्क फोर्स के गठन का आदेश
-
उत्तर प्रदेश के रायबरेली के गांवों में डोर टू डोर RT-PCR और RAT टेस्ट अभियान चलाया गया. जिसके कारण रायबरेली में एक महीने में ही सकारत्मकता दर 38 फीसदी से 2.8 फीसदी तक आ गयी.
-
बिहार में HIT Covid एप का इस्तेमाल किया गया. इसके जरिये होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों पर निगरानी रखी जाती है.
-
केरल में ऑक्सीजन नर्स का इस्तेमाल किया गया ताकि ऑक्सीजन की राशनींग आराम से की जा सके.
-
महाराष्ट्र में अलग-अलग जगहों पर रखे गये ऑक्सीजन के बफर स्टॉक का इस्तेमाल करने के लिए वरिष्ठ अधिकारी निगरानी रख रहे थे.
Posted By: Pawan Singh