कोरोना संक्रमण के नये वेरिएंट ने दुनिया के लिए परेशानियां बढ़ा दी है. अब एक ऐसा वेरिंट फैल रहा है जिसमें एंटीबॉडी भी असर नहीं होता. लैम्ब्डा’ नाम के इस नये वेरिएंट का असर दुनिया भर के 29 देशों में देखा गया है और लगातार इसके मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन को डर है कि इसका खतरा दुनिया के दूसरे देशों तक ना फैल जाये.
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर भारत चिंतित है. देश में दूसरी लहर के संक्रमण के मामलों में कमी दर्ज की जा रही है तो अब कोरोना के नये वेरिएंट का खतरा चिंताएं बढ़ा रहा है. भारत में नहीं दुनिया भर में कोरोना के नये वेरिएंट का पता चला है. भारत में डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट का खतरा है तो अब लैम्ब्डा’ नाम का नया कोरोना वेरिएंट दुनिया के लिए परेशानियां खड़ी कर रहा है.
लैम्ब्डा नाम के इस वेरिएंट का पता पहली बार दक्षिण अमेरिका में चला था. डब्ल्यूएचओ का मानना है कि पहली बार पेरू में पाया गया, लैम्ब्डा वेरिएंट दक्षिण अमेरिका में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
कोरोना के नये वेरिएंट से हर बार संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है पिछले दिनों दुनिया भर की चिंता डेल्टा वेरिएंट ने बढ़ा रखी थी. ब्रिटेन ने इस वेरिएंट को खतरा बताते हुए कहा था कि देश में 11 दिन में मामले दोगुने हो गए और इसका जिम्मेदार डेल्टा वेरिएंट है.
अब नये वेरिएंट का खतरा बढ़ रहा है, हैरान करने वाली बात यह है कि पेरू में अप्रैल 2021 से लेकर अब तक 81 फीसदी कोरोना मामले इसी वेरिएंट से जुड़े हुए हैं. चिली में 032 प्रतिशत मामलों में यही वेरिएंट देखा जा रहा है. 29 देशों में कोरोना संक्रमण के इस वेरिएंट का खतरा है ज्यादा मामले इसी वेरिएंट के सामने आ रहे हैं.
यह इतना खतरनाक इसलिए है क्योंकि यह म्यूटेट है इससे संक्रमण का खतरा बढ़ाता है.इस वेरिएंट के सामने एंटीबॉडी भी असरदार नहीं है. अबतक इस वेरिएंट पर ज्यादा शोध नहीं हो सका इसलिए इससे जुड़े कई तथ्य सामने नहीं आये हैं लेकिन वैज्ञानिकों को मानना है कि यह दूसरे वेरिएंट से खतरनाक और अधिक संक्रामक है.