Corona Third Wave In India : बच्चों में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल दिल्ली एम्स में शुरू
देशभर में तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारियां कर ली गयी है. कई राज्यों ने बच्चों के लिए विशेष अस्पताल तैयार रखें हैं, बच्चों के डॉक्टरों को एक्टिव मोड पर रखा है. तीसरी लहर से बचाव के लिए तैयारी कितनी भी मजबूत है सबसे जरूरी है वैक्सीनेशन. सरकार इस दिशा में भी काम कर रही है. वैक्सीनेशन के लिए दिल्ली के एम्स में ट्रायल शुरू हो रहा है. पहले चरण में इसके लिए 16 बच्चों को तैयार किया गया है.
देश में भले ही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर कमजोर पड़ने लगी हो लेकिन संक्रमण की चिंता अभी पूरी तरह खत्म नहीं है. कोरोना की तीसरी लहर को लेकर जो आशंका व्यक्त की गयी है वह परेशान करने वाली है. तीसरी लहर में सबसे ज्यादा असर बच्चों को होने की संभावना जतायी गयी है.
देशभर में तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारियां कर ली गयी है. कई राज्यों ने बच्चों के लिए विशेष अस्पताल तैयार रखें हैं, बच्चों के डॉक्टरों को एक्टिव मोड पर रखा है. तीसरी लहर से बचाव के लिए तैयारी कितनी भी मजबूत है सबसे जरूरी है वैक्सीनेशन. सरकार इस दिशा में भी काम कर रही है. वैक्सीनेशन के लिए दिल्ली के एम्स में ट्रायल शुरू हो रहा है. पहले चरण में इसके लिए 16 बच्चों को तैयार किया गया है.
यह पहली बार नहीं है जब बच्चों पर वैक्सीन ट्रायल किया जा रहा है इससे पहले पटना में 12 से 18 साल के बच्चों के बीच इसे किया जा चुका है. यहां 3 जून तक बच्चों को डोज दिया गया है. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से अनुमति मिलने के बाद अब एम्स दिल्ली में ट्रायल शुरू हुआ है . भारत बायोटेक को टीके को बच्चों पर क्लिनिकल ट्रायल करने के लिए 11 मई को DCGI की मंजूरी मिली थी.
इसी के बाद एम्स पटना में कोवैक्सिन का ट्रायल शुरू हो गया था हमने ट्रायल के लिए पहले 12 से 18 साल के उम्र के बच्चों को ही चुना . उनके सेहत की पूरी जांच की गयी. भारत में 16 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू हुआ. अबतक देश के कई राज्यों में वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज हो चुकी है. वैक्सीनेशन की खपत बढ़ रही तो निर्माण के साथ- साथ इसके आयात पर भी जोर दिया जा रहा है.
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देश में भारत बायोटेक के कोवैक्सिन, एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड और रूस के स्पुतनिक वी मिल रही है. स्पुतनिक वी के निर्माण के इजाजत मांगी गयी है कोवैक्सीन और कोविशील्ड का निर्माण भारत में हो रहा है. अगर बच्चों में वैक्सीनेशन का यह शोध सफल होता है तो कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के लिए भारत और मजबूती के साथ तैयार रहेगा.