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दूसरी लहर में देश की युवा पीढ़ी सबसे अधिक संक्रमित हो रही है
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कोरेना संक्रमण की तीसरी लहर में 6 से 12 साल के बच्चों को ज़्यादा खतरा
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महाराष्ट्र से ही शुरू हो सकती है तीसरी लहर
Corona Third Wave : देश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है. पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 4,14,188 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 2,14,91,598 हो चुकी है. वहीं 3,915 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 2,34,083 हो गई है. इस दूसरी लहर में देश की युवा पीढ़ी सबसे अधिक संक्रमित हो रही है. इसके पूर्व, पहली लहर के दौरान कोरोना ने बुजुर्गों को अपने संक्रमण की चपेट में लिया था. इसी बीच अब कोरेना संक्रमण की तीसरी लहर की चिंता लोगों को सता रही है. इस लहर में 6 से 12 साल के बच्चों को ज़्यादा खतरा बताया गया.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो, कोरोना वायरस की तीसरी लहर की शुरुआत भी महाराष्ट्र से ही हो सकती है. हालांकि, अभी इस बात को लेकर विशेषज्ञ एकमत नहीं हैं कि कोरोना की तीसरी लहर कब से शुरू होगी. खबरों की मानें तो जुलाई से सितंबर महीने के बीच कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत हो सकती है. तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर महाराष्ट्र में सरकारी स्तर पर अभी से ही तैयारी शुरू कर दी गई है. पिछले दिनों इंडियन एक्सप्रेस ने इस बाबत खबर दी थी जिसमें उसने कहा था कि बृहन् मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (बीएमसी) शिशु कोविड केयर फैसिलिटी स्थापित करने की योजना तैयार कर रहा है, ताकि तीसरी लहर के दौरान संक्रमित बच्चों को समुचित चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराई जा सके. इसके अलावा, बीएमसी की ओर से उन बच्चों के लिए एक क्रेच का नेटवर्क भी तैयार किया गया है, जिनके माता-पिता कोरोना शहर के विभिन्न कोविड केयर सेंटर में इलाजरत हैं.
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पिछले दिनों अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया ने संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ नितिन शिंदे के हवाले से एक खबर छापी थी जिसमे उसने कहा था कि ऐसे समय में शिशुओं के लिए वैक्सीन विकसित करना बेहद महत्वपूर्ण है. यदि वैक्सीन विकसित नहीं किया गया, तो तीसरी लहर के दौरान बड़े पैमाने पर 18 साल के कम उम्र के बच्चे संक्रमण के शिकार होने की संभावना है.
जीरो से लेकर 18 साल तक के एज ग्रुप की की बात करें तो देश में इनकी आबादी कुल आबादी का 30% है. इस आबादी में वायरस से लड़ने वाली हर्ड इम्यूनिटी तब तक तैयार नहीं हो सकती. जब तक इनको वैक्सीन नहीं दिया जाता है. यदि वैक्सीनेशन नहीं होगा तो तीसरी लहर में बच्चे ही इंफेक्शन के कैरियर बनते नजर आयेंगे और दूसरों को संक्रमित करेंगे. बच्चों के वैक्सीन के लिए आखिर कितना इंतजार ? एक्सपर्ट्स की मानें तो, ऐसी वैक्सीन के पीडिएट्रिक ट्रायल में ज़्यादा समय नहीं लगेगा. सरकार से ग्रीन सिग्नल मिल जाए, तो 90 दिन के अंदर बच्चों के लिए वैक्सीन रोल आउट हो सकती है. इसके लिए को-वैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के पास अप्लीकेशन भी देने का काम कर चुकी है.
Posted By : Amitabh Kumar