भारत में कोरोना की संभावित तीसरी कोरोना वायरस की दूसरी लहर से ज्यादा घातक हो सकता है. इसके और गंभीर परिणाम हो सकते हैं. एसबीआई ने हालिया जारी अपनी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है.
एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन बड़े देशों में कोरोना की दूसरी लहर 108 दिनों तक थी उन देशों में कोरोना की तीसरी लहर 98 दिनों तक रहेगी. तीसरी लहर में दूसरी लहर के मुकाबले 1.8 गुणा अधिक केस आएंगे. जबकि दूसरी लहर में पहले के मुकाबले 5.2 गुणा अधिक केस आये थे. भारत के मामले में यह 4.2 फीसदी अधिक था.
अंतराष्ट्रीय अनुभव बताते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर से ज्यादा खतरनाक होगी. हालांकि यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ बेहतर तैयारी के जरिये इससे होने वाले प्रभाव को कम किया जा सकता है. गंभीर मामलों में कमी लायी जा सकती है इससे मृत्यु दर में भी कमी आयेगी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वास्थ्य के लिए बेहतर आधारभूत संरचना और तेजी से वैक्सीनेशन करने पर गंभीर मामलों की संख्या को 20 प्रतिशत से 5 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है. इसके मुताबिक अगर वैक्सीनेशन हो जाए और स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर हो जाए तो दूसरी लहर में हुई 1.7 लाख मौत की तुलना में तीसरी लहर में मौत के आंकड़े को 40 हजार पर रोका जा सकता है.
एसबीआई के मुताबिक तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए वैक्सीनेशन पर एसबीआई की रिपोर्ट में भी जोर दिया गया है. एसबीआई ने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन दी जानी चाहिए. क्योंकि देश के 15-17 करोड़ बच्चे जो 12-18 आयु वर्ग के हैं वो कोरोना की तीसरी लहर से सबसे अधिक प्रभावित होंगे.
Posted By: Pawan Singh