देशभर में कोरोनावायरस का कोहराम मचा हुआ है. ऑक्सीजन, बेड, आईसीयू और दवा को लेकर देश के कई राज्यों में हाहाकार मचा हुआ है. ऐसे में कई लोग होम आइसोलेशन के जरिए ही खुद का ईलाज कर रहे हैं. लेकिन वहीं कई ऐसी भी खबरें सामने आई है, जिसमें गलत सलाह और दवा की वजह मरीज की स्थिति काफी गंभीर हो गई. आइए एक्सपर्ट जानते हैं कोरोनावायरस के उन दवाओं के बारे में, जिससे वायरस से लड़ा जा सकता है.
हिंदुस्तान टाइम्स ने मश्हूर अस्पताल टाटा मेमोरियल के डायरेक्टर सीएस प्रमेश से बातचीत की है. प्रमेश ने बताया कि रेमडिसिविर दवा सभी कोरोना मरीजों पर प्रभावी नहीं होता है. उन्होंने आगे बताया कि अगर कोरोना मरीज को सिर्फ फीवर के लक्षण है तो पैरासिटामोल का उपयोग कर सकते हैं. प्रमेश ने आगे बताया कि कोरोना में दरअसल कोई भी दवा पूरी तरह से कारगर नहीं है. ऐसे में सावधानी ही इसकी सबसे बड़ी मेडिसिन है.
ऑक्सीजन लेवल सबसे महत्त्वपूर्ण- कोरोना के दूसरे फेज में देखा गया है कि वायरस मरीज के लंग्स को सीधा असर करता है. ऐसे में मरीज का ऑक्सीजन लेवल बहुत ही कम हो जाता है. डॉक्टर प्रमेश ने बताया कि अगर मरीज का ऑक्सीजन लेवल 94 से कम है तो यह खतरे का संकेत है. इस स्थिति में तुरंत ऑक्सीजन की व्यवस्था कर लेनी चाहिए.
वहीं आईसीएमआर के पूर्व प्रमुख डॉक्टर रमन गंगाखेरकर ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि कोरोना का वर्तमान में कोई असरकारक दवा नहीं है. ऐसे में लोग मास्क और वैक्सीन को ही विकल्प मानें. उन्होंने कहा कि कुछ दवा बाजार में जरुर है, जिसका उपयोग कर वायरस के प्रभाव को कम किया जा सकता है, लेकिन इसका प्रयोग डॉक्टर की सलाह पर ही लेनी चाहिए.
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Posted By : Avinish kumar mishra