Corona In India: कोहराम मचाएगा कोरोना या नहीं दिखेगा असर? जानिए क्या है डॉक्टर्स की राय?

वायरोलॉजिस्ट ने चीन की तुलना में भारत में कोविड की स्थिति का विश्लेषण किया और कहा कि भारत ठीक चल रहा है और उसे यात्रा प्रतिबंधों की आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन चीन में स्थिति बहुत ज्यादा खराब होने वाली है, जैसा कि भारत ने अप्रैल-मई 2021 में या जनवरी 2022 में महामारी की दूसरी लहर के दौरान देखा था.

By Aditya kumar | December 27, 2022 6:31 PM

Corona In India: कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर हर कोई सतर्क है. चीन में इसके कहर का असर भारत पर भी दिख रहा है. अस्पतालों में व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है. हर तरह की सावधानी को ध्यान में रखा जा रहा है. लेकिन ऐसे में लोगों के मन में सबसे बड़ा प्रश्न है कि क्या इस बार कोरोना का यह वैरिएंट चीन की तरह भारत में भी तबाही मचाएगा. ऐसे में बात अगर डॉक्टरों की करें तो कई तरह के कयास लगाए जा रहे है. चिकित्सकों का कहना है कि भारत में कोरोना इस बार ज्यादा विकराल रूप नहीं लेगा.

‘भारत ठीक चल रहा है, प्रतिबंधों की आवश्यकता नहीं’

वायरोलॉजिस्ट डॉ. गगनदीप कांग ने चीन की तुलना में भारत में कोविड की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण किया और कहा कि भारत ठीक चल रहा है और उसे यात्रा प्रतिबंधों की आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन चीन में स्थिति बहुत ज्यादा खराब होने वाली है, जैसा कि भारत ने अप्रैल-मई 2021 में या जनवरी 2022 में महामारी की दूसरी लहर के दौरान देखा था. साथ ही उन्होंने कई प्रमुख कारण बताए जिस वजह से भारत को चीन की तरह कोविड-लहर नहीं दिखाई देगी.

चीन में कोरोना बढ़ने का क्या है कारण?

डॉ कांग ने कहा कि चीन ऐसे समय में खुल रहा है जब इसकी आबादी में प्राकृतिक संक्रमण के जोखिम का स्तर कम है. चीनी टीकों के अप्रभावी होने पर, डॉ कांग ने कहा कि वे टीके जो गंभीर बीमारी और मृत्यु को रोकने के लिए अच्छी तरह से काम करते हैं, लेकिन वे mRNA टीकों से कम प्रभावी हैं. डॉ कांग ने कहा सर्दियों से समय अन्य वायरस/संक्रमणों के कारण स्वास्थ्यकर्मी सहित बहुत सारे लोग बीमार हो जाते हैं.

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एम्स के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया की क्या है राय?

वहीं एम्स के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने भी इस मामले पर अपना बयान दिया है. एम्स के पूर्व निदेशक और फिलहाल मेदांता अस्पताल से जुड़े डॉ रणदीप गुलेरिया ने भारत में कोरोना के प्रभाव को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि चीन की तुलना में भारत की स्थिति काफी बेहतर है क्योंकि हमारी टीकाकरण रणनीति बहुत सफल रही है, उच्च जोखिम वाले समूह के अधिकांश लोगों ने बूस्टर खुराक ली है और प्राकृतिक संक्रमण हुआ है.

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