देश में टीकाकरण अभियान में तेजी के साथ ही संक्रमण की दर में कमी देखी जा रही है. इन सबके बीच ऐसे मामले में भी सामने आ रहे हैं दो पहला डोज लेने के बाद संक्रमित हो रहे हैं. साथ ही लोगों के मन में यह सवाल भी सामने आ रहा है कि आखिर कोरोना संक्रमण से ठीक होने के कितने दिनों बाद वो कोरोना वैक्सीन ले सकते हैं. क्योंकि उन्हें भी टीका लेने की आवश्यकता है.
अब चिंता उनलोगों के लिए है जो लोग कोरोना से ठीक हो रहे हैं उन्हे कब पहली बार कोरोना का टीका दिया जायेगा. यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक जो लोग कोरोना संक्रमण से ठीक हुए हैं उन्हें कोरोना वैक्सीन लेने से पहले कम से कम तीन महीने का इंतजार करना चाहिए. यह उनके लिए है जिन्होंने कोरोना वैक्सीन का डोज नहीं लिया है.
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) की इम्यूनोलॉजिस्ट डॉ विनीता बल ने बताया कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद शरीर में वायरस के खिलाफ बनी हुई प्रतिरोधक क्षमता कुछ महीनों तक चलने की संभावना रहती है. इसलिए संक्रमण से मुक्त होने के बाद कम से कम छह से आठ सप्ताह के बाद ही वैक्सीन लेना चाहिए.
जबकि वैक्सीन वैज्ञानिक डॉ गगनदीप कांग के मुताबिक कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के बाद कोरोना वैक्सीन लेने के लिए कम से कम छह महीने का इंतजार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यूके के डेटा से पता चलता है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक होने के बाद प्राकृतिक रूप से इस वायरस के खिलाफ लड़ने की क्षमता 80 फीसदी तक बढ़ जाती है.
डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों के अनुसार भी संक्रमण से ठीक होने के छह महीने बाद ही टीकाकरण कराना चाहिए, क्योंकि तब तक शरीर में एंटीबॉडी बनी रहती है. वहीं पहले डोज के बाद संक्रमित होने वाले व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे आठ सप्ताह बाद ही वैक्सीन की दूसरी डोज देनी चाहिए.
विशेषज्ञों का मानना है कि संक्रमण के बाद शरीर एंटीबॉडी का उत्पादन शुरू कर देता है और यह टीका लगवाने के समान है. हालांकि दूसरी खुराक लेने से पहले कम से कम आठ सप्ताह तक इंतजार करना उचित है. सीडीसी के अनुसार, आमतौर पर टीकाकरण के बाद शरीर को कोरोना के खिलाफ प्रतिरक्षा तैयार करने में दो सप्ताह का समय लगता है. इसलिए संक्रमित होना संभव है.
Posted By: Pawan Singh