15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बायोलॉजिकल-ई वैक्‍सीन की 30 करोड़ डोज बुक, जानें दूसरी मेड इन इंडिया वैक्सीन कब आएगी!

Biological E Covid Vaccine देश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर को लेकर जारी चर्चा के बीच केंद्र सरकार ने कोविड वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाने के उद्देश्य से बड़ा फैसला लिया है. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सबसे कारगर माने जाने वाले कोविड वैक्सीन की किल्लत दूर करने के प्रयास में जुटी केंद्र सरकार ने हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता बायोलॉजिकल-ई से कोरोना वैक्सीन की 30 करोड़ खुराक खरदीने जा रही है.

Biological E Covid Vaccine देश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर को लेकर जारी चर्चा के बीच केंद्र सरकार ने कोविड वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाने के उद्देश्य से बड़ा फैसला लिया है. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सबसे कारगर माने जाने वाले कोविड वैक्सीन की किल्लत दूर करने के प्रयास में जुटी केंद्र सरकार ने हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता बायोलॉजिकल-ई से कोरोना वैक्सीन की 30 करोड़ खुराक खरदीने जा रही है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हैदराबाद स्थित टीका निर्माता कंपनी बायोलॉजिकल-ई के साथ कोविड वैक्सीन की 30 करोड़ खुराक बनाने तथा उनका स्टोर करने के लिए समझौते को अंतिम रूप दिया है. इसके लिए मंत्रालय 1500 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान करने का निर्णय लिया है. बदले में कंपनी कोविड-19 वैक्‍सीन की 30 करोड़ डोज रिजर्व रखेगी. मंत्रालय की ओर से गुरुवार को इस संबंध में जारी किए एक बयान में बताया कि वैक्सीन की इन खुराकों का उत्पादन एवं भंडारण बायोलॉजिकल-ई इस साल अगस्त से दिसंबर माह के बीच करेगी.

प्राइवेट मार्केट में वैक्‍सीन की कीमत अभी तय नहीं है. हालांकि, इस वैक्‍सीन को दुनिया की सबसे सस्‍ती वैक्‍सीन बताया जा रहा है. वहीं, जानकारी के मुताबिक बायोलॉजिकल-ई की कोरोना वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के बेहतर परिणाम सामने आए हैं. इसके बाद इस वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी दी गयी. बायोलॉजिकल-ई की कोरोना वैक्सीन का अभी तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है. बायोलॉजिकल-ई द्वारा विकसित किया जा रहा टीका एक आरबीडी प्रोटीन सब यूनिट टीका है और यह अगले कुछ महीनों में उपलब्ध हो सकता है.

बयान के मुताबिक, एनईजीवीएसी द्वारा बायोलॉजिकल-ई के प्रस्ताव पर विचार करने के बाद इसको स्वीकृत करने की अनुशंसा की गई. बायोलॉजिकल-ई के साथ समझौता स्वदेशी टीका निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के केंद्र के व्यापक प्रयास का हिस्सा है. जिसके तहत वह टीका निर्माताओं को अनुसंधान एवं विकास में मदद उपलब्ध कराने के साथ ही वित्तीय सहायता भी दे रहा है. बायोलॉजिकल-ई के संभावित कोविड टीके को केंद्र ने प्री-क्लिनिकल स्टेज से लेकर थर्ड स्टेज तक के स्टडी में मदद उपलब्ध कराई है. बयान में बताया गया कि यह कदम सरकार के मिशन कोविड सुरक्षा, भारतीय कोविड-19 टीका विकास मिशन के तहत उठाया गया है, जिसका लक्ष्य कोविड वैक्सीन के विकास के प्रयासों को गति देना है.

उल्लेखनीय है कि देश में अबतक तीन वैक्‍सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है. जनवरी में सीरम इंस्टिट्यूट‍ ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को अप्रूवल मिला था. रूस में बनी स्पूतनिक वैक्‍सीन को अप्रैल में मंजूरी दी गई है. हालांकि, स्‍पूतनिक वी की ज्‍यादा डोज भारत में उपलब्‍ध नहीं हैं. इस वैक्‍सीन का भारत में उत्‍पादन डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज समेत कुछ अन्‍य कंपनियां कर रही हैं. अभी भारत में बनी कोविशील्ड ही सबसे सस्‍ती है, जो गुड़गांव में साढ़ छह सौ रुपये प्रति डोज मिल रही है. कोविशील्ड वैक्‍सीन ऑक्‍सफर्ड-अस्‍त्राजेनेका के शोधकर्ताओं ने तैयार किया है और भारत में इसका उत्‍पादन हो रहा है.

Also Read: मेहुल चोकसी पर डोमिनिका कोर्ट में सुनवाई टली, MEA बोला- भारत लाने की हर संभव कोशिश जारी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें