Covishield और Covaxin दोनों सुरक्षित, कोरोना वैक्‍सीन को लेकर ICMR के डॉक्टर समीरन पांडा बोले- आशंका की नहीं होनी चाहिए कोई वजह

Corona Vaccination In India कोरोना वैक्सीन को लेकर जारी चर्चाओं के बीच सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा वैक्सीन कोविशील्ड की पहली खेप देश के अलग-अलग हिस्सों में मंगलवार से ही भेजना शुरू दिया गया है. बता दें कि देश में 16 जनवरी से कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है. इसी के मद्देनजर राज्य सरकारों ने भी अपना पूरा ध्यान इस अभियान को सफल बनाने पर लगा दिया है. इसी बीच, आईसीएमआर के डॉक्टर समीरन पांडा ने कहा है कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों ही सुरक्षित हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2021 9:07 PM

Corona Vaccination In India कोरोना वैक्सीन को लेकर जारी चर्चाओं के बीच सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा वैक्सीन कोविशील्ड की पहली खेप देश के अलग-अलग हिस्सों में मंगलवार से ही भेजना शुरू दिया गया है. बता दें कि देश में 16 जनवरी से कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है. इसी के मद्देनजर राज्य सरकारों ने भी अपना पूरा ध्यान इस अभियान को सफल बनाने पर लगा दिया है. इसी बीच, आईसीएमआर के डॉक्टर समीरन पांडा ने कहा है कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों ही सुरक्षित हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, आईसीएमआर के डॉक्टर समीरन पांडा ने कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों ही सुरक्षित हैं तथा इसकी सुरक्षा को लेकर आशंका की कोई वजह नहीं होनी चाहिए. डॉक्टर पांडा ने कहा कि हम सभी को दोनों टीकों को लेकर लोगों में फैल रही मिथक और भ्रांतियां को दूर करने का प्रयास करना चाहिए.

उल्लेखनीय है कि भारत में 16 जनवरी से शुरू हो रहे टीकाकरण अभियान के मद्देनजर सीरम इंस्टीट्यूट की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड दिल्ली समेत देश के कई शहरों में पहुंचाया जा रहा है. वहीं, भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन की पहली खेप बुधवार को दिल्ली समेत देश के दस अन्य शहरों में पहुंची है. कोविशील्ड के बाद दिल्ली पहुंचने वाली यह दूसरी वैक्सीन है.

बता दें कि कोवैक्सीन भारत का पहला स्वदेशी टीका है. कोवैक्सीन को भारत बायोटेक और आईसीएमआर ने मिलकर बनाया है. मालूम हो कि भारत सरकार ने देश में दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है. इन दोनों ही टीकों को दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में इस्तेमाल में लाया जाएगा. हालांकि, लोगों के पास यह विकल्प नहीं होगा कि उन्हें कौन सी वैक्सीन लगाई जाए. लेकिन, इस बात का ध्यान रखना होगा कि अगर किसी एक वैक्सीन की एक डोज उन्हें लगी है तो दूसरी डोज भी उसी वैक्सीन की हो.

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