Coronavirus Vaccine: सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (Saudi Arabian Crown Prince Mohammed Bin Salman) को शुक्रवार को कोरोनावायरस वैक्सीन की पहली डोज लगायी गयी है. देश की सरकारी मीडिया ने इसकी जानकारी दी है. हाल ही में सऊदी अरब को फाइजर और बायोएनटेक के कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की पहली खेप मिली है. इसी महीनें देश में वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दी गयी थी. चिकित्सकों की निगरानी में क्राउन प्रिंस को वैक्सीन लगायी गयी है और उनकी निगरानी भी की जा रही है. इसके साथ ही प्रिंस उन वैश्विक नेताओं में शामिल हो गये, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन लगवाई है.
भारत में भी कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है. ब्रिटेन, अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों ने वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी पहले ही दे दी है. भारत को भी कोरोना वैक्सीन की पहली खेप 28 दिसंबर को मिलने की उम्मीद है. इसके लिए एयरपोर्ट पर सारी तैयारियां कर ली गयी हैं. इसके साथ ही टीकाकरण के लिए केंद्र राज्यों के साथ समन्वय बनाने में जुटा है.
भारत सरकार कोरोना के टीकाकरण की व्यवस्था के आकलन के लिए चार राज्यों में अगले हफ्ते से मॉक ड्रिल शुरू करने वाली है. पंजाब, असम, आंध्रप्रदेश और गुजरात में 28-29 दिसंबर को पूर्वाभ्यास की तैयारी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि इस अभ्यास के तहत टीके की आपूर्ति, जांच रसीद और आवंटन से संबंधित ऑनलाइन मंच Co-Win में आवश्यक डेटा डालना, दल के सदस्यों की तैनाती, टीका स्थलों पर जांच लाभार्थियों के साथ मॉक ड्रिल, रिपोर्टिंग और शाम को बैठक आदि होंगे.
मंत्रालय ने बताया कि इसके तहत कोविड-19 टीके के प्रशीतन भंडारों, उसके ढुलाई इंतजाम, टीका स्थल पर भीड़ का प्रबंधन, एक दूसरे के बीच दूरी बनाने की व्यवस्था आदि को भी परखा जायेगा. मंत्रालय ने कहा कि हर राज्य दो जिलों में, खासकर पांच अलग-अलग टीका केंद्रों जैसे जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शहरी केंद्र, निजी अस्पताल, ग्रामीण पहुंच केंद्र के लिए यह पूर्वाभ्यास संबंधी योजना बनायेगा.
भारत बायोटेक के शीर्ष अधिकारियों ने शुक्रवार को हैदराबाद में उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू से मुलाकात की. भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के साथ मिलकर एक टीका तैयार किया है. बैठक के दौरान उस स्वदेशी टीके की स्थिति और भारत तथा दूसरे देशों में इसे उपलब्ध कराने की योजना पर बातचीत हुई.
Posted By: Amlesh Nandan.