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राज्यों में घट रही कोरोना वैक्सीन की डोज, टीके का उत्पादन बढ़ाने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ने बताई 3,000 करोड़ रुपये की जरूरत

सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ पूनावाला ने समाचार चैनल एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि कोरोना वैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए करीब 3,000 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी.

नई दिल्ली : झारखंड समेत देश के कई राज्यों में कोरोना के टीके का भंडारण करीब-करीब समाप्त होने वाला है. केंद्र सरकार की ओर से कोरोना के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के लिए राज्यों को दी गई टीके की खुराक अब समाप्त होने वाली है. इस बीच, कोरोना के टीका बनाने वाली फार्मास्युटिकल कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के सीईओ आदार पूनावाला ने वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए करीब 3,000 करोड़ रुपये की जरूरत बताई है.

सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ पूनावाला ने समाचार चैनल एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि कोरोना वैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए करीब 3,000 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी. उन्होंने कहा कि हमें मोटे तौर पर 3,000 करोड़ रुपये की जरूरत है, जो एक कम नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना टीका बनाने को लेकर हमने पहले ही हजारों करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं. हमें अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए दूसरे नए तरीके भी तलाशने होंगे.

हर महीने 20 लाख खुराक का उत्पादन कर रहा सीरम इंस्टीट्यूट

उन्होंने कहा, ‘कंपनी को उम्मीद है कि कोरोना का टीका कोविशील्ड वैक्सीन की उत्पादन क्षमता जून से हर महीने करीब 11 करोड़ खुराक तक बढ़ जाएगी. फिलहाल, कंपनी रोजाना करीब 20 लाख खुराक का उत्पादन कर रही है. उन्होंने कहा कि हमने अकेले भारत में 10 करोड़ से अधिक खुराक दी है और दूसरे देशों को करीब 6 करोड़ खुराक का निर्यात किया गया है.

कंपनियों ने सरकार से मुनाफा नहीं लेने पर जताई सहमति

सीरम इंस्टीट्यूट के साथ ही दूसरी वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों ने भी मुनाफा न लेने के लिए सरकार से सहमति जताई है. उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई भी दूसरी वैक्सीन कंपनी इतनी कम कीमतों पर टीका उपलब्ध नहीं करा रही है. पूनावाला ने ईटी नाउ के साथ एक दूसरे साक्षात्कार में कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट दूसरी कंपनियों के मुकाबले भारत की अस्थाई जरूरतों को प्राथमिकता दे रहा है. फिलहाल, उनकी कंपनी हर महीने 6-7 करोड़ टीके का उत्पादन कर रही है.

झारखंड में खत्म होने को है वैक्सीन की खुराक

बता दें कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने कोरोना संक्रमण के खिलाफ राज्य में चलाए जा रहे विशेष टीकाकरण अभियान के लिए केंद्र सरकार से कोरोना वैक्सीन की 10 लाख खुराक की मांग की है. राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि टीकाकरण अभियान चलाने के लिए उसके पास तीन से चार दिन की खुराक ही बची है.

झारखंड ने 23 मार्च को ही केंद्र से की है मांग

झारखंड के स्वास्थ्य सचिव केके सोन ने कहा कि विशेष टीकाकरण अभियान के लिए रोजाना एक लाख से अधिक खुराक की जरूरत है. राज्य में अभी तीन-साढ़े तीन लाख के आसपास खुराक मौजूद है. केंद्र सरकार से 23 मार्च को 5 लाख और 3 अप्रैल को भी 5 लाख कोरोना वैक्सीन की खुराक की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान को सफल बनाना है, तो वैक्सीन की खुराक उपलब्ध करानी होगी.

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Posted by : Vishwat Sen

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