कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट को डब्ल्यूएचओ ने वैरिएंट आॅफ कंसर्न बताया है, यानी यह ऐसा वैरिएंट है जो कभी भी महामारी का रूप ले सकता है. इसे लेकर भारत में ही चिंता है, अब एक नया स्टडी सामने आया है जो यह बताता है कि डेल्टा वैरिएंट पर कोरोना वैक्सीन का प्रभाव वुहान वैरिएंट की अपेक्षा आठ गुना कम है.
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल द्वारा किये गये एक स्टडी में यह बात सामने आयी है कि कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट उन लोगों को भी अपनी गिरफ्त में ले सकता है जो कोरोना वायरस से पहले भी पीड़ित हो चुके हैं. साथ ही इस वैरिएंट से उबरने में भी लोगों को ज्यादा समय लग सकता है.
हालांकि अभी इस स्टडी को रिव्यू किया जायेगा, लेकिन इस स्टडी में यह बताया गया है कि यह फेफड़ों पर ज्यादा प्रभाव डालता है और काफी तेजी से शरीर में फैलता है. साथ ही इससे संक्रमित व्यक्ति ज्यादा लोगों को संक्रमित करने में सक्षम है.
हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय का यह कहना है कि डेल्टा वैरिएंट पर भी वैक्सीन प्रभावी है लेकिन वह कितना प्रभावी है इस बारे में अभी कुछ विस्तृत जानकारी नहीं दी गयी है. एम्स के डायरेक्टर डाॅ रणदीप गुलेरिया ने भी यह कहा है कि अभी डेल्टा वैरिएंट के बारे में जानकारी काफी कम है इसलिए अभी इसपर कुछ भी दावे के साथ कहना मुश्किल है.
हालांकि जब से डेल्टा वैरिएंट का पता चला है यह कहा जा रहा है कि यह वैरिएंट बहुत संक्रामक है और इसपर वैक्सीन का प्रभाव भी बहुत नहीं है. साथ ही यह भी कहा जाता है कि यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को धोखा देकर शरीर में प्रवेश कर जाता है.
डेल्टा प्ल्स वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट से म्यूटेशन होकर बना है. डेल्टा वैरिएंट सबसे पहले भारत में पाया गया था और इसने यूके में भारी तबाही मचाई है. भारत में डेल्टा वैरिएंट 12 राज्यों में फैल चुका है और अबतक इसके 56 मामले सामने आये हैं. देश में कोरोना से चार लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
Posted By : Rajneesh Anand