अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के पूर्व निदेशक टाॅम फ्राइडेन ने कहा है कि आज भारत में कोरोना की जो स्थिति है उसे देखते हुए पूरे विश्व की नजर भारत पर है और सबकी सहानुभूति भी है. लेकिन यहां हमें यह समझना होगा कि इस वायरस से निपटना बहुत ही चुनौतीपूर्ण है. इस वायरस के प्रकोप से जीवन को बचाना आज के समय की सबसे बड़ी चुनौती है.
टाॅम फ्राइडेन साल 1996 से 2002 तक भारत में थे. उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व बैंक के साथ काम किया था. उनके साथ एक विशेष बातचीत हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित हुई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि कोरोना के खिलाफ जंग के लिए यह जरूरी है कि अस्पतालों में व्यवस्था दुरुस्त हो और लोगों को वैक्सीन दिया जाये. जीवन बचाने के लिए और भविष्य को बेहतर करने के लिए अपनी अर्थव्यवस्था और शैक्षिक प्रणाली को चालू रखने के लिए स्थिति पर बेहतर नियंत्रण की जरूरत है.
सबसे पहले कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करना होगा. इसके लिए जो भी जरूरी पहल है वो की जाये. मास्क पहनना, रेड जोन पर खास नजर, ट्रैवल पर रोक आदि उपाय किये जायें.
मौत को रोकने के लिए रणनीतिक तरीके से टीकाकरण किया जाये. वैक्सीन कोरोना संक्रमण से सौ प्रतिशत रक्षा तो नहीं करता, लेकिन यह प्रभावकारी है. इसलिए यह जरूरी है कि टीकाकरण को अधिक से अधिक प्रभावी बनाया जाये.
यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि कौन मर रहा है? सबसे अधिक मौत 60 वर्ष से अधिक के लोगों की हुई है. इसलिए सबसे पहले 60 साल से अधिक के लोगों का टीकाकरण किया जाये.
गौरतलब है कि अभी देश में कोरोना संक्रमण की दर 21 प्रतिशत हो गयी है और मरने वालों का आंकड़ा ढाई लाख हो चुका है. प्रतिदिन चार से अधिक केस आ रहे थे जिसमें पिछले दो दिन से कमी आयी है और केस तीन लाख 30 हजार और उससे कम पर भी पहुंचे हैं. मौत का आंकड़ा अभी भी डरा रहा जो प्रतिदिन के हिसाब से चार हजार या उसके आसपास है.
Posted By : Rajneesh Anand