Corona Vaccine India States List Update भारत में फैल रहे कोरोना वायरस महामारी के बीच संक्रमण से निपटने के लिए जोर शोर से टीकाकरण की तैयारियां चल रही हैं. उम्मीद जतायी जा रही है कि देश में हर व्यक्ति को अगले साल अक्टूबर तक कोरोना वैक्सीन मिल जायेगी. इसी कड़ी में मोदी सरकार ने कोरोना वैक्सीनेशन की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा दिया है. आइये विस्तार से जानते है कि जब देश में वैक्सीनेशन शुरू होगा तो उसका डिस्ट्रीब्यूशन राज्यों में किस आधार पर किया जायेगा.
एक प्रमुख हिंदी दैनिक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वैक्सीन आने के बाद देश में टीकाकरणक की प्रक्रिया शुरू होने पर राज्यों के बीच उसका डिस्ट्रीब्यूशन रिस्क फैक्टर के आधार पर होगा. इसके तहत हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन देने के बाद ऐसे राज्य जहां पर 50 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले और को-मार्बिडिटीज वाले लाेग ज्यादा हैं, वहां ज्यादा डोज भेजी जायेगी. इसी कड़ी में यह संभावना जतायी जा रही है कि तमिलनाडु को मध्य प्रदेश, बिहार या राजस्थान के मुकाबले ज्यादा डोज मिलेंगी.
वहीं, बिहार की आबादी तमिलनाडु से ज्यादा होने के बावजूद वहां 50 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले डेढ़ करोड़ से थोड़ा ज्यादा लोग ही हैं. जबकि, तमिलनाडु में इस उम्र समूह के दो करोड़ लोग हैं. साथ ही बिहार के लोगों में को-मॉर्बिडिटीज भी कम हैं. यानी वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन के पहले चरण में उसके हिस्से कई छोटे राज्यों से भी कम डोज भेजी जायेगी.
दरअसल, हाइपरटेंशन और डायबिटीक जैसी को-मॉर्बिडिटीज वाले कोविड मरीजों की स्थिति बेहद गंभीर हो जाती है. इसी के मद्देनजर सरकार ने टीकाकरण में 50 साल से कम उम्र वाले इन मरीजों को भी शामिल किया है.
जानकारी के मुताबिक, कोरोना वैक्सीन का डिस्ट्रीब्यूशन उन राज्यों में ज्यादा होगा जहां बुजुर्ग आबादी ज्यादा है. ऐसे में यूपी में केवल 50 साल से ज्यादा उम्र वाले करीब पंद्रह प्रतिशत लोग ही हैं. इसके बावजूद सबसे ज्यादा वैक्सीन की डोज उत्तर प्रदेश को मिलने की बात कही जा रही है, क्योंकि वहां की आबादी काफी ज्यादा है.
जबकि, 50 साल से ज्यादा उम्र वाली आबादी के लिहाज से यूपी के बाद महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु का नंबर आता है. इसी कड़ी में अगर आबादी को वैक्सीन की जरूरत के लिहाज से केरल का नंबर सबसे पहले आएगा. नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार, देश में आबादी के लिहाज से हाइपरटेंशन और डायबिटीज के सबसे ज्यादा मरीज केरल में हैं. वहां की 25.3 फीसदी आबादी मधुमेह से ग्रस्त है, जबकि 13.7 प्रतिशत जनसंख्या को हाइपरटेंशन है.
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