सभी वेरिएंट पर है यह कोरोना वैक्सीन असरदार, अब फ्रीज में वैक्सीन रखने की जरूरत नहीं

फिलहाल इस वैक्सीन की डेस्टिंग जानवरों पर की गयी है. इस अध्ययन में जो नतीजे सामने आये हैं उसे ‘एसीएस इन्फेक्शस डिजीज' पत्रिका में प्रकाशित किया गया है. इस फार्मूले के तहत यह शोध चूहे पर किया गया है जिसमें उस पर मजबूत सुरक्षा प्रणाली विकसित होने के सबूत मिले हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2021 2:32 PM
an image

गर्मी में भी रहने पर काम करने वाला कोरोना वैक्सीन तैयार कर लिया गया है. भारतीय विज्ञान संस्थान द्वारा इसे तैयार किया गया है और यह वैक्सीन सभी वेरिएंट से लड़ने में कारगर साबित हुआ है.

फिलहाल इस वैक्सीन की डेस्टिंग जानवरों पर की गयी है. इस अध्ययन में जो नतीजे सामने आये हैं उसे ‘एसीएस इन्फेक्शस डिजीज’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है. इस फार्मूले के तहत यह शोध चूहे पर किया गया है जिसमें उस पर मजबूत सुरक्षा प्रणाली विकसित होने के सबूत मिले हैं.

Also Read: coronavirus third wave : तीसरी लहर को लेकर क्या होगी रणनीति ? पढ़ें राज्यों से क्या बोले पीएम मोदी

इसकी खास बात यह है कि वैक्सीन 37 डिग्री तापमान पर एक महीने के लिए तथा 100 डिग्री तापमान पर 90 मिनट के लिए रह सकता है और इस पर कोई खास असर नहीं पड़ता. इस शोध में ऑस्ट्रेलिया के कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑेर्गेनाइजेशन (सीएसआईआरओ) के वैज्ञानिक भी शामिल किये गये हैं.

देश में फिलहाल जो वैक्सीन है उन्हें एक निश्चित तापमान पर रखने के लिए रेफ्रीजेरेटर की आवश्यक्ता होती है ‘कोविशील्ड’ को दो-आठ डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखना होता है और फाइजर के टीके के विशेषीकृत प्रशीतलन में शून्य से 70 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान पर रखा जाता है.

Also Read: विवि परीक्षा विभाग में हंगामे का कवरेज कर रहे टीवी चैनल पत्रकार पर हमला

शोध के बाद जो आंकड़े सामने आये हैं उसमें मिनवैक्स के सभी फॉर्मूलों के परीक्षण के नतीजों में प्रतिरोधक क्षमता उतनी ही बनी रही और यह सार्स-सीओवी-2 के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा सभी स्वरूपों पर असरदार रहा है.

Exit mobile version