कोरोना अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. विशेषज्ञ मानते हैं कि जबतक दवाई नहीं तबतक स्थिति सामान्य नहीं होगी. सरकार भी यही ना रा दे रही है जबतक दवाई नहीं तबतक ढिलाई नहीं. सरकार कोरोना की वैक्सीन बनाने के लिए खर्च कर रही है.
आज निर्मला सीतारमण ने 900 करोड़ रुपये कोविड सुरक्षा मिशन में रखा है. सरकार इन पैसों का खर्च कोरोना वैक्सीन और कोरोना कंट्रोल में करेगी. आज निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत के 3.0 के तहत 12 प्रमुख घोषणाएं की है जिसमें रोजगार और व्यापार अहम रहा. उन्होंने कहा अर्थव्यस्था पटरी पर लौट रही है.
Rs 900 crores provided for COVID Suraksha Mission for research and development of the Indian COVID vaccine to the Department of Biotechnology: Finance Minister Nirmala Sitharaman pic.twitter.com/eMANIa3xym
— ANI (@ANI) November 12, 2020
900 कोरोड़ कोरोना की वैक्सीन और कोविड से सुरक्षा पर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज प्रेस कॉन्प्रेंस कर नये आर्थिक पैकेज का ऐलान किया. इस मौके पर उन्होंने जैव प्रौद्योगिकी विभाग(Department of Biotechnology) को कोरोना वैक्सन पर रिसर्च करने के लिए 900 करोड़ रुपये दिये हैं. सरकार का पूरा ध्यान देश में विकसित किये जाने वाले वैक्सीन पर है. कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत में अबतक की स्थिति पर नजर डालें तो पायेंगे पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने बताया है कि कोरोना वैक्सीन कोविडशील्ड के फेज-3 के क्लीनिकल ट्रायल के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गयी है.
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क्या है भारत की स्थिति
ICMR और SII ने नोवावेक्स, अमेरिकी की ओर से विकसित और SII द्वारा अपस्केल की गई कोवावैक्स के क्लीनिकल विकास के लिए सहयोग किया है. भारत कोरोना की वैक्सीन पर अपने शोध को और मजबूत कर रहा है सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को अगर छोड़ दें तो ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका और जायडस कैडिला जैसी बड़ी कंपनियां भी इस पर रिसर्च कर रही हैं, अगर इनमें से कोई भी कोरोना की वैक्सीन बनाने में सफल होता है तो भारत को इसका फायदा मिलेगा.
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वैक्सीन कबतक आयेगी
इसे लेकर सरकार , वैज्ञानिक और रिसर्च करने वाली कंपनियां अलग- अलग दावा करतीं है लेकिन इतना कहा जा सकता है कि नये साल की शुरुआती दो महीनों के अंदर वैक्सीन उपलब्ध हो सकता है. संभव है कि इससे जल्दी भी वैक्सीन आ जाये सीरम इंस्टिट्यूट (SII) के सीईओ आदर पूनावाला की मानें तो वो इसी साल के दिसंबर महीने तक वैक्सीन तैयार होने की बात कहते हैं .
उन्होंने कहा, वैक्सीन तैयार होने की गति ब्रिटेन की टेस्टिंग और डीसीजीआई के अप्रूवल पर निर्भर करता है क्योंकि ब्रिटेन डेटा साझा करेगा तभी इमर्जेंसी ट्रायल के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय में आवेदन किया जाएगा. मंत्रालय से मंजूरी मिलते ही टेस्ट भारत में भी किये जा सकते हैं. वैक्सीन बन जाने के बाद इसे कई स्तर से गुजरना होगा और यह आपतक पहुंचते – पहुंचते समय लगा देगा.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak