देश भर में आज से दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत हो गयी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी शुरुआत की. टीकाकरण के पहले चरण में एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका दिया जाना है. देश भर में स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीनेशन देने से जुड़ी हर Hindi News से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
इधर टीकाकरण के दौरान दिल्ली से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि आरएमएल अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टरों ने कोवैक्सीन लगाने से इनकार कर दिया और उन्होंने कोविशील्ड लगाने का अनुरोध किया.
राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के ‘रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ (आरडीए) ने ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित कोरोना वायरस का टीका कोविशील्ड लगाये जाने का चिकित्सा अधीक्षक से अनुरोध किया. आरडीए ने चिकित्सा अधीक्षक को लिखे एक पत्र में कहा कि रेजीडेंट डॉक्टरों को कोवैक्सीन को लेकर कुछ संदेह है और वे लोग बड़ी संख्या में टीकाकरण अभियान में हिस्सा नहीं लेंगे और इस कारण शनिवार से देश में शुरू हुए टीकाकरण अभियान के उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो सकेगी.
पत्र में कहा गया है, हमें पता चला है कि आज अस्पताल द्वारा कोविड-19 टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. कोवैक्सीन को भारत बायोटेक ने बनाया है और इसकी जगह, सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित कोविशील्ड को हमारे अस्पताल में प्राथमिकता दी जा रही है. मालूम हो आरएमएल अस्पताल में कोविड-19 का पहला टीका एक सुरक्षा गार्ड को लगाया गया है.
गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि दोनों टीके- भारत बायोटेक का स्वदेश में निर्मित कोवैक्सीन और ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका का कोविशील्ड, इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक ‘संजीवनी’ हैं. टीकाकरण अभियान की शुरुआत के बाद हर्षवर्धन ने कहा, ये टीके महामारी के खिलाफ लड़ाई में हमारी ‘संजीवनी’ हैं. हमने पोलियो के खिलाफ लड़ाई जीती है और अब हम कोविड के खिलाफ युद्ध जीतने के निर्णायक चरण में पहुंच गए हैं. मैं इस अवसर पर सभी, अग्रिम पंक्ति के कर्मियों को बधाई देता हूं.
उन्होंने कहा कि दोनों टीके पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी हैं. हर्षवर्धन ने महामारी के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर डटे रहने वाले डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मचारियों, सुरक्षा कर्मियों और पत्रकारों सहित सभी को धन्यवाद दिया.
Posted By – Arbind kumar mishra