कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए वैक्सीन कारगर है लेकिन अगर इस वैक्सीन की वजह से दूसरी बीमारियों का खतरा बढ़ता है या वैक्सीन के साइड इफेक्ट की वजह से दूसरी परेशानियां होती है तो यह अच्छा संकेत नहीं है.
कई वैक्सीन है जिसके साइड इफेक्ट की खबरें दुनिया भर से आयी. अब अमेरिका में फाइजर और मॉडर्ना के टीकों से ह्रदय की दुर्लभ बीमारियों के लगभग 800 मामले सामने आये हैं. दुनिया भर में कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए कई तरह के वैक्सीन बनाये गये हैं. इन वैक्सीन का सिर्फ एक ही नहीं दुनियाभर के कई देशों में इस्तेमाल हो रहा है.
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क्या वैक्सीन की वजह से ही यह बीमारियों लोगों में आयी या इसकी कोई और वजह भी हो सकती है इसे लेकर रोग नियंत्रण व रोकथाम केंद्र (सीडीसी) जांच कर रहा है. आंकड़ा टीका सुरक्षा को लेकर हुई एक बैठक में सामने आया है.
शोधकर्ताओं ने इस आंकड़े पर गहरी चिंता जाहिर की है. इस टीके में आये आंकड़े में जो बात सामने आ रही है उसमें यह बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा दिक्कत 12 से 24 साल के लोगों के साथ है. देश में केवल नौ फीसदी ही इस आयुवर्ग को लगे हैं फिर भी यह आंकड़ों में ज्यादा हैं.
इस पूरे मामले को लेकर अब 18 जून को बैठक होनी है जिसमें आंकड़ों पर विस्तार से चर्चा होगी. संभव है कि इस बैठक के बाद कई और फैक्ट्स भी सामने आये. इसमें शामिल होने वाले सदस्य टीकों से पैदा हुई पेचीदगियों, मायोकार्डाइटिस और पैरिकार्डाइटिस की वजहों का पता लगाने की कोशिश करेंगे.
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मायोकार्डाइटिस की वजह से ह्रदय की मांसपेशियों में तो पैरिकार्डाइटिस में ह्रदय के आसपास स्थित झिल्लियों में सूजन होने लगती है. इससे बीमारी की खतरा बढ़ता है . वैक्सीन की पहली खुराक के बाद 216 लोगों में और 573 लोगों को दूसरी खुराक के बाद मायोकार्डाइटिस या पैरिकार्डाइटिस का सामना करना पड़ा.