कोरोना वैक्सीन लेकर ही कोरोना वायरस से जंग जीती जा सकती है. अमेरिका ने 18 साल से ज्यादा सभी लोगों को वैक्सीन देने का फैसला ले लिया है, वहीं भारत में नरेंद्र मोदी सरकार ने अबतक सबको वैक्सीन लेने की इजाजत नहीं दी है.
महाराष्ट्र समेत कई राज्य सभी वर्ग के लोगों को वैक्सीन देने की मांग कर रहे हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर सभी को वैक्सीन देने और वैक्सीनेशन प्रोग्राम में तेजी लाने की अपील की है.
केंद्रीय स्वास्थ्य स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंगलवार को इन सारे सवालों का जवाब देने की कोशिश की. उन्होंने कहा, कई लोग पूछते हैं कि क्यों नहीं वैक्सीन सभी को उपलब्ध कराया जाता. हमारा लक्ष्य पहले उन्हें वैक्सीन देने का है जिन्हें इनकी सबसे ज्यादा जरूरत है. इस तरह के वैक्सीनेशन प्रोग्राम में दो लक्ष्य लेकर चला जाता है एक तो मौत को रोकना और दूसरा है हेल्थ केयर सिस्टम की रक्षा करना उन्हें मजबूत करना.
पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण से जंग जीतने के लिये वैक्सीन पर फोकस किया जा रहा है. ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन दी जा रही है ताकि कोरोना संक्रमण को हराया जा सके. भारत में प्राथमिकताओं के आधार पर वैक्सीन दी जा रही है है. पहले हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स को दिया गया उसके बाद बुजुर्ग लोगों को फिर गंभीर रूप से बीमार ऐसे लोगों को जिनकी रोगप्रतिरोधक क्षमता कम है और संक्रमण का खतरा ज्यादा.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऐलान किया है कि हम यूएस में सभी व्यस्क लोगों को दो सप्ताह में वैक्सीन देने का लक्ष्य रख रहे हैं. उन्होंने देशवासियों को आगाह किया कि अबतक कोरोना का खतरा कम नहीं हुआ है.हम अब भी कोरोना के साथ जीवन और मौत की रेस में शामिल हैं.
भारत में सभी को वैक्सीन देने की मांग के सवाल पर केंद्रीय स्वास्थ्य स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा था कि अबतक अमेरिका समेत विश्व के किसी देश में इसकी इजाजत नहीं दी गयी है तबतक अमेरिका में यह फैसला नहीं हुआ था. अब अमेरिका ने यह फैसला ले लिया है ऐसे में यह भी देखना होगा कि क्या दुनिया के दूसरे देश भी इस रास्ते पर चलकर सभी व्यस्क लोगों को वैक्सीन देने का फैसला लेते हैं.