भारत में 16 जनवरी से कोरोना वायरस का वैक्सीन दिया जाना है, तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. सरकार ने टीकाकरण अभियान को लेकर पूरी तैयारी कर ली है. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि किसी भी प्रकार की अफवाहों पर विश्वास न करें.
किसी भी प्रकार की अफवाहों पर विश्वास न करें। कई तरह की गलत जानकारियां देने का प्रयास हो रहा है। दोनों वैक्सीन हमारे वैज्ञानिकों ने तैयार की हैं, उन्हें वैज्ञानिक तरीके से जांचने के बाद ही आपातकालीन उपयोग के लिए स्वीकृति दी गई है: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन pic.twitter.com/dCA8BKYPHt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 15, 2021
कई तरह की गलत जानकारियां देने का प्रयास हो रहा है. दोनों वैक्सीन हमारे वैज्ञानिकों ने तैयार की हैं, उन्हें वैज्ञानिक तरीके से जांचने के बाद ही आपातकालीन उपयोग के लिए स्वीकृति दी गई है.
इस टीकाकरण अभियान को लेकर सरकार पूरी तरह सतर्क है. वैक्सीन को लेकर कई तरह की अफवाह थी. सरकार ने मौके पर इन सारे अफवाहों को खत्म करने की कोशिश की. स्वास्थ्य मंत्री ने भी इसे लेकर कई तरह का बयान दिया. कोरोना वैक्सीन को लेकर अफवाह फैली थी कि इससे बांझपन और नपुंसकता आती है. सरकार ने इन अफवाहों को भी खत्म करने की कोशिश की है.
कई मंचों पर सरकार ने वैक्सीन को लेकर चल रही अफवाहों को खत्म करने की कोशिश की है. अभियान शुरू होने से पहले भी स्वास्थ्य मंत्री ने यह स्पष्ट तौर पर कहा है कि इस तरह की अफवाहों से दूर रहें. 16 जनवरी से शुरू हो रहे इस महाभियान के पहले 3 लाख स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी.
इस वैक्सीनेशन प्रक्रिया में चुनाव आयोग भी पूरी मदद कर रहा है. चुनाव आयोग के बूथ स्तर तक ठोस नेटवर्क को देखते हुए पिछले महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारियों ने चुनाव आयोग के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की थी और कोविड-19 टीका के वितरण में उनका सहयोग मांगा था.
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लाभार्थियों की पहचान के लिए मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट और पेंशन दस्तावेज सहित 12 पहचान पत्रों की आवश्यकता होगी। सरकार के मुताबिक, सबसे पहले करीब एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के दो करोड़ कर्मियों को टीका दिया जाएगा.