चेन्नई : केंद्र के परमाणु ऊर्जा विभाग के तहत आने वाले स्वायत्त संगठन गणितीय विज्ञान संस्थान (आईएमएससी) के अध्ययन में यह भी कहा गया है कि भारत में आने वाले बुधवार तक कोविड-19 के मरीज करीब 400 तक हो सकते हैं तथा और खराब स्थिति में यह संख्या 900 तक पहुंच सकती है. चेन्नई के इस प्रतिष्ठित संस्थान द्वारा किये गये महामारी विज्ञान अध्ययन में पता चला है कि जिस तेजी से कोरोना वायरस दुनियाभर में फैल रहा है तो इसका देशों की अक्षांश स्थिति से संबंध हो सकता है.
सौम्या ईश्वरन के साथ अध्ययन करने वाले प्रोफेसर सीताभ्रा सिन्हा ने कहा कि मामले बढ़ेंगे या घटेंगे यह निजी स्तर पर लोगों की प्रतिक्रिया और इस संकट से निपटने के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों को सहयोग जैसी बातों पर निर्भर करेगा. विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करते हुए संस्थान की दो सदस्यीय टीम ने कोरोना वायरस के प्रसार का संबंध अक्षांश स्थिति से बताया.
सिन्हा ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘सामान्य तौर पर उच्च अक्षांश वाले क्षेत्रों में इस महामारी के फैलने की वृद्धि दर अधिक है.’ अध्ययन में मौसम परिस्थितियों और वायरस फैलने की दर के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया. इस संक्रामक रोग से दुनियाभर में 11,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जिसके चलते भारत समेत विभिन्न देशों को बंद की घोषणा करनी पड़ी.
शोधकर्ता ने कहा कि देशों की अक्षांश स्थिति और रोगाणुओं के छितराव की दर के बीच संबंध आगे के अध्ययन में और पुख्ता होगा जो अभी चल रहा है. चीन और भारत समेत अन्य एशियाई देशों, कई यूरोपीय देशों तथा अमेरिका में कोरोना वायरस के प्रसार पर आंकड़ों के बारे में बताते हुए सिन्हा ने कहा कि उन्होंने यह देखने की कोशिश की कि क्या विभिन्न क्षेत्रों में संक्रमित लोगों की संख्या की वृद्धि दर का संबंध कुछ घटकों से हो सकता है.