नयी दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस साल रक्षा बंधन उत्सव पर वैसा उत्साह नहीं रहा, जैसा आमतौर पर हर साल देखने को मिलता था. इस बार दूर होने के कारण कई भाई-बहनों ने प्रौद्योगिकी के जरिये एक-दूसरे को शुभकमानाएं भेजीं .
महानगर की एक निवासी स्वीटी गौड़ ने कहा, ‘‘इस वर्ष यात्रा करने का विकल्प नहीं था लेकिन यह ऐसा बंधन है जो सबसे अधिक मायने रखता है. मैंने अपने भाई के लिए राखी और मिठाई भेजी और उसने मुझे उपहार भेजे. हमने अपने सभी चचेरे भाइयों के साथ भी वीडियो कॉल से बात की.” नीतू भाटिया थोड़ा परेशान थी क्योंकि उसने इस साल लंबे समय के बाद अपने चचेरे भाइयों के साथ राखी का त्योहार मनाने के बारे में सोचा था, लेकिन महामारी ने ऐसा नहीं होने दिया.
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उसने कहा, ‘‘मैंने इस बार उसके घर जाकर उसे अचरज में डाल देने की योजना बनाई थी, लेकिन मैं उनसे नहीं मिल सकी. मैंने उसे राखी और मिठाई भेजी और फोन पर उसे शुभकामनाएं दीं. उम्मीद है कि हम अगले साल एक साथ त्योहार मनाएंगे.” महामारी के कारण लगे यात्रा प्रतिबंध और संक्रमित होने की आशंका की वजह से राहुल भारद्वाज अपनी बहन से नहीं मिल सके, जो किसी और शहर में रहती है.
उसने कहा, ‘‘ऐसा पहली बार हुआ है लेकिन यह इस समय की जरूरत है. हमें खुद को सुरक्षित रखने की जरूरत है और हमारे प्रियजनों को भी सुरक्षित रखना चाहिए.” लोग त्योहार मनाने के लिए घर की बनी मिठाइयों और व्यंजनों पर अधिक निर्भर रहे क्योंकि वे इस महामरी के बीच बाहर उपलब्ध मिठाइयों की गुणवत्ता को लेकर आश्वस्त नहीं थे. शहर में रहने वाली शिवानी रावत ने कहा, ‘‘इस साल का त्योहार कुछ अलग है.
मैंने अपने भाइयों के लिए घर पर ही बर्फी बनाई और बाहर से कुछ नहीं खरीदा. हम कहीं भी नहीं जा रहे हैं और बस अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं.” निमरत कौर ने कहा, ‘‘हमने केवल घर पर ही रहकर राखी मनाई. मैंने घर में ही राखी बनाई और घर पर ही मिठाइयां भी बनाई गईं. लॉकडाउन की घोषणा के बाद से हमने बाहर से कुछ भी ऑर्डर नहीं किया और केवल किराने का सामान ही खरीदते हैं.”
Posted By – Pankaj Kumar Pathak