19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोरोना के ज्यादातर मामलों में संक्रमितों में कोई लक्षण नहीं है : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 की वजह से होने वाली मौत की दर जहां दो से तीन प्रतिशत है, वहीं इस संक्रामक रोग के अधिकतर मामलों में लोगों को कोई लक्षण नहीं हैं.

नयी दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 की वजह से होने वाली मौत की दर जहां दो से तीन प्रतिशत है, वहीं इस संक्रामक रोग के अधिकतर मामलों में लोगों को कोई लक्षण नहीं हैं.

उन्होंने रेखांकित किया कि इस बारे में जागरूकता लाने की आवश्यकता है कि जिन लोगों को मधुमेह, मोटापा, लिवर में सूजन और लिवर की दीर्घकालिक बीमारी है, उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमित होने और फिर मौत का अधिक खतरा है.

Also Read: Coronavirus : अब इस तरह भी फैल रहा है कोरोना वायरस, देश में पहला मामला आया सामने

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार हर्षवर्धन ने कहा कि आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र इस तरह की स्थितियों पर नजर रखने के लिए काम कर रहे हैं. वह विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर दूसरे ‘एंपैथी ई-कॉन्क्लेव’ में बोल रहे थे. सांसदों में जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान (आईएलबीएस) ने भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण के सहयोग से किया.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में समय रहते उठाए गए कदमों ने कोविड-19 महामारी के प्रसार की रोकथाम में मदद की है. उन्होंने यह भी कहा कि हेपेटाइटिस रोग वैश्विक स्वास्थ्य समस्या बन चुका है.

भारत में विषाणुजनित हेपेटाइटिस बहुत सामान्य और गंभीर बीमारी है, लेकिन स्वास्थ्य देखरेख प्रदाता और आम जनता असल में इससे अनभिज्ञ है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुद्दे पर व्यापक जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है.

बयान में उनके हवाले से कहा गया, ‘‘विषाणुजनित हेपेटाइटिस बी और सी से पीड़ित लोगों को लिवर कैंसर और दीर्घकालिक लिवर रोग का अधिक खतरा रहता है. विषाणुजनित दीर्घकालिक हेपेटाइटिस से पीड़ित 80 प्रतिशत लोगों को अभी यह पता नहीं होता कि वे संक्रमित हैं.”

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां मौजूद अपने सभी सहयोगियों से आग्रह करता हूं कि वे हेपेटाइटिस बी और सी जैसी खामोश बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए दूत के रूप में काम करें.”

बयान में कहा गया कि आईएलबीएस के योगदान के बारे में हर्षवर्धन ने कहा कि इसने विषाणुजनित हेपेटाइटिस रोधी राष्ट्रीय कार्यक्रम के विकास में मदद की थी जिसकी शुरुआत 28 जुलाई 2018 को हुई थी. यह विश्व में हेपेटाइटिस बी और सी की पहचान तथा उपचार का सबसे बड़ा कार्यक्रम है.

पिछले चार महीने से सार्स-कोव-2 के नमूनों की जांच में लगी आईएलबीएस की टीम को स्वास्थ्य मंत्री ने बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि देश का पहला प्लाज्मा बैंक आईएलबीएस में शुरू हुआ. प्लाज्मा योद्धा भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के ठीक होने की दर सुधार के लिए नि:स्वार्थ योगदान देते रहे हैं.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘हम 2030 तक हेपेटाइटिस सी के उन्मूलन और हेपेटाइटिस बी के मामलों में कमी लाने के विश्व स्वास्थ्य संगठन के लक्ष्य के प्रति कटिबद्ध हैं . भारत के लोगों के प्रतिनिधि होने के नाते लोगों में इस बीमारी के बारे में जागरूकता लाना हमारा बड़ा दायित्व है जिससे कि इसे जन-आंदोलन बनाया जा सके.”

Posted By – Pankaj Kumar Pathak

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें