नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को रोकने के उपायों सहित इससे जुड़े मुद्दों पर गुरुवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की और स्पष्ट किया कि पूरे देश का साझा लक्ष्य जीवन का न्यूनतम नुकसान सुनिश्चित करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज जमात मामले में सभी मुख्यमंत्रियों से कहा कि अपने-अपने राज्यों में धार्मिक नेताओं से कहें कि बड़ी संख्या में लोगों को इकट्ठा करने से बचें और सामाजिक दूरी का ख्याल रखें.
उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा कि अगले कुछ हफ्तों में सभी का ध्यान कोरोना वायरस से जुड़ी जांचों, संक्रमितों का पता लगाने, उन्हें अलग-थलग रखने पर केंद्रित रहना चाहिए. प्रधानमंत्री ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये संवाद में कहा कि लॉकडाउन (बंद) समाप्त होने के बाद आबादी के फिर से घर से बाहर निकलने को ध्यान में रखते हुए राज्यों और केंद्र को एक रणनीति तैयार करनी चाहिए.
PM मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हुई बाद के बाद अरुणाचल के सीएम ने ट्वीट कर कहा, 15 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म होगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सोशल डिस्टैंसिंग का खयाल न रखा जाए.
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में समन्वित प्रयासों की जरूरत को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, जिला स्तर पर इस उद्देश्य के लिये आपदा प्रबंधन समूह बनाया जाना चाहिए. इसके साथ ही जिला निगरानी अधिकारियों को नियुक्त किये जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कोरोना संबंधी आंकड़े मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं से ही लिये जाने चाहिए. इससे जिला, राज्य और केंद्र स्तर पर आंकड़ों में एकरूपता आयेगी.
मोदी ने कहा कि यह वास्तव में सराहनीय है कि सभी राज्यों ने एक साथ और एक टीम के रूप में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये काम किया है. प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्रियों ने संवाद के दौरान प्रधानमंत्री को अपने-अपने राज्यों में कोरोना वायरस से मुकाबले को लेकर किये जा रहे कार्यो के बारे जानकारी दी और संकट के समय उनके (प्रधानमंत्री के) नेतृत्व की सराहना की.
मुख्यमंत्रियों ने निजामुद्दीन मरकज से सामने आए मामलों को फैलने से रोकने के लिये उठाये गए कदमों की भी जानकारी दी. मोदी ने सभी राज्यों से किसानों से अनाज की खरीद के लिये कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) के अलावा दूसरे प्लेटफार्म पर विचार करने को कहा.
प्रधानमंत्री ने जरूरी चिकित्सा उत्पादों की अपूर्ति बनाये रखने, दवा के उत्पादन के लिये कच्चे माल एवं चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जरूरत पर भी बल दिया. मोदी ने कहा कि कोविड-19 मरीजों के लिये अलग से समर्पित अस्पतालों की जरूरत है.
इस बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह एवं शीर्ष अधिकारी शामिल हुए. कोविड-19 के प्रकोप और इससे जुड़े मुद्दों के सामने आने के बीच पिछले दो सप्ताह से कम समय में प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की यह दूसरी बातचीत है. पहली ऐसी बातचीत 20 मार्च को हुई थी. गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कोरोना वायरस के कारण देश में मृतकों की संख्या 50 हो गई है और इससे संक्रमित लोगों का आंकड़ा 1965 पर पहुंच गया है.