Corona Virus : जून 2021 तक नहीं बढ़ेगा महंगाई भत्ता
देश में लॉकडाउन को लागू हुए गुरुवार को एक महीना पूरा हो गया है. राहत की बात यह है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने 78 जिले को एक तरह से कोरोना फ्री बताया है़ हालांकि, कोरोना का असर अब सरकारी कर्मचारियों पर भी पड़ने लगा है़ केंद्र सरकार ने अपने एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों व […]
देश में लॉकडाउन को लागू हुए गुरुवार को एक महीना पूरा हो गया है. राहत की बात यह है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने 78 जिले को एक तरह से कोरोना फ्री बताया है़ हालांकि, कोरोना का असर अब सरकारी कर्मचारियों पर भी पड़ने लगा है़ केंद्र सरकार ने अपने एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों व पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते व महंगाई राहत को 30 जून, 2021 तक मौजूदा स्तर पर ही रोक दिया है. यदि राज्य सरकारें भी इस फैसले पर अमल करेंगी, तो कुल 1.20 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी. इससे कोरोना महामारी का मुकाबला करने में मदद मिलेगी.
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के मुताबिक कोविड- 19 से उत्पन्न संकट को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. केंद्र सरकार ने पिछले महीने ही अपने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की थी. यह वृद्धि एक जनवरी, 2020 से लागू होनी थी. 1 जनवरी, 2020 से लागू होगा फैसला : वित्त मंत्रालय के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों को एक जनवरी, 2020 से मिलनेवाली महंगाई भत्ते (डीए) व पेंशनभोगियों को दी जाने वाली महंगाई राहत (डीआर) की किस्त का भुगतान नहीं किया जायेगा.
साथ ही एक जुलाई 2020 व एक जनवरी, 2021 में दी जानेवाली डीए व डीआर की अतिरिक्त किस्तों का भी भुगतान नहीं होगा. हालांकि, कर्मचारियों को 30 जून, 2021 तक मौजूदा दर से भुगतान होता रहेगा. एक जनवरी, 2020 से लेकर 30 जून, 2021 की अवधि के बकाये डीए व डीआर का भुगतान नहीं होगा. 1 जुलाई, 2021 के बाद फैसला: एक जुलाई, 2021 के बाद जब भी सरकार डीए व डीआर की अगली किस्त जारी करने का फैसला लेगी, उस समय एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 में प्रभावी महंगाई दर व महंगाई राहत की बढ़ी दर को आगे के लिए इसमें समाहित किया जायेगा और एक जुलाई 2021 से उसी बढ़ी दर पर भत्ता मिलेगा.
एक करोड़ 13 लाख 60 हजार परिवार प्रभावित : हर कैलेंडर वर्ष में दो बार (1 जनवरी और 1 जुलाई को) महंगाई भत्ते की दर को संशोधित किया जाता है और सरकार के इस फैसले की जद में इस तरह किये जाने वाले तीन संशोधन (1 जनवरी, 2020; 1 जुलाई, 2020; 1 जनवरी, 2021) आयेंगे. कुल मिला कर इस फैसले का असर एक करोड़ 13 लाख 60 हजार परिवारों पर पड़ेगा.