इंदौर : मध्यप्रदेश के इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में एक जैसे नाम की गफलत के कारण 20 वर्षीय युवक के शव को पोस्टमॉर्टम के बाद गलत परिवार को सौंप दिया गया .
इस परिवार ने कथित तौर पर कोरोना वायरस संक्रमण की शंका के कारण चेहरा देखे बिना ही युवक का अंतिम संस्कार भी कर दिया. इस गंभीर चूक का भेद खुलने के बाद यह मामला पुलिस के पास पहुंच गया है.
संयोगितागंज थाने के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि पड़ोसी देवास जिले के सोनकच्छ क्षेत्र के रहने वाले संतोष पटेलिया ने एमवायएच प्रबंधन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करायी है कि उनके बेटे आकाश पटेलिया (20) के शव को पोस्टमॉर्टम के बाद इंदौर शहर के कनाड़िया क्षेत्र के एक अन्य परिवार को सौंप दिया गया.
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पुलिस अधिकारी ने बताया, “सुपुर्दगी के समय यह शव कपड़े में बंधा था. हमें पता चला है कि गलत शव लेने वाले इंदौर के परिवार ने एमवायएच में इसके कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाने की शंका के कारण न तो कपड़ा हटाकर चेहरा पहचाना, न ही अंतिम संस्कार से पहले इसके दर्शन किये. हम जांच में इस बात की तसदीक कर रहे हैं.” उन्होंने बताया कि आकाश पटेलिया ने कथित तौर पर एसिड पी लिया था.
एमवायएच में इलाज के दौरान रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात उसकी मौत हो गयी. इस सरकारी अस्पताल में सोमवार को उसके शव का पोस्टमॉर्टम किया गया था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि एमवायएच में सोमवार को ही इंदौर के कनाड़िया क्षेत्र के आकाश पांचाल (25) के शव का पोस्टमॉर्टम भी किया गया था.
पांचाल की कथित तौर पर करंट लगने से मौत हो गयी थी. उन्होंने बताया कि मामले में शिकायतकर्ता का आरोप यह है कि एमवायएच के स्टाफ ने एक जैसे पहले नाम की गफलत के चलते देवास के आकाश पटेलिया के शव को इंदौर के आकाश पांचाल का शव समझकर दूसरे परिवार को सौंप दिया. इंदौर के परिवार ने न केवल गलत शव स्वीकार किया, बल्कि इसका तुरंत अंतिम संस्कार भी कर दिया.
इस मामले में एमवायएच के कर्मचारियों की लापरवाही के आरोपों पर अस्पताल के अधीक्षक पीएस ठाकुर ने कहा, “यह एक ‘मेडिको-लीगल’ मामला है. संयोगितागंज थाने में इसकी शिकायत दर्ज हुई है. इसलिए अब पुलिस ही इस मामले की जांच करेगी.”
इस बीच, संयोगितागंज थाने के प्रभारी राजीव त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस आकाश पटेलिया के पिता की शिकायत पर विस्तृत जांच कर पता लगायेगी कि एमवायएच में शवों की अदला-बदली आखिर किसकी गलती से हुई? उन्होंने हालांकि बताया कि इस शिकायत पर फिलहाल कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है. त्रिपाठी ने बताया कि मामले से जुड़े दोनों युवक कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं थे.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak