कोरोना का गणेश चतुर्थी पर भी असर,श्रद्धालुओं ने किये ऑनलाइन दर्शन
देश भर में शनिवार को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया गया लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इस उत्सव की रौनक कुछ फीकी रही. बहरहाल, इस गणेश उत्सव में तकनीक श्रद्धालुओं और पंडालों के लिए बड़ा सहारा बन कर उभरी और श्रद्धालुओं ने दस दिवसीय उत्सव में गणपति के ऑनलाइन दर्शन किए. नयी दिल्ली में गणेशोत्सव पर कोरोना वायरस का असर साफ नजर आया और अधिकतर लोगों ने अपने घरों में ही, विघ्नहर्ता की पूजा की .
नयी दिल्ली : देश भर में शनिवार को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया गया लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इस उत्सव की रौनक कुछ फीकी रही. बहरहाल, इस गणेश उत्सव में तकनीक श्रद्धालुओं और पंडालों के लिए बड़ा सहारा बन कर उभरी और श्रद्धालुओं ने दस दिवसीय उत्सव में गणपति के ऑनलाइन दर्शन किए. नयी दिल्ली में गणेशोत्सव पर कोरोना वायरस का असर साफ नजर आया और अधिकतर लोगों ने अपने घरों में ही, विघ्नहर्ता की पूजा की .
Also Read: 14 जून को सुशांत के घर पर क्या – क्या हुआ, सीबीआई ने किया नाट्य रूपांतरण
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दीं. महाराष्ट्र में गणेशोत्सव की धूम देखते ही बनती है. लेकिन इस बार कोविड-19 महामारी और लोगों के आवागमन पर जारी प्रतिबंधों के बीच राज्य के विभिन्न हिस्सों में दस दिवसीय गणेश चतुर्थी उत्सव की शुरूआत हुयी. राज्य सरकार ने गणेशोत्सव के संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर कहा है कि भगवान गणेश की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा और इसके विसर्जन से पहले किसी प्रकार का जुलूस नहीं निकाला जाना चाहिये.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घर पर ही गणपति की पूजा करने के बाद कहा कि लोगों को भगवान गणेश का स्वागत करते समय मास्क पहनने और भीड़ से बचने की अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को नहीं भूलना चाहिए. मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस महामारी के चलते सार्वजनिक गणेश पंडाल लगाने पर रोक लगी है. फलस्वरूप शनिवार को यहां बुरहानपुर जिले में ऐतिहासिक तिलक हॉल में गणेश उत्सव मनाने की 103 साल पुरानी परम्परा पर संकट उत्पन्न हो गया. वर्ष 1917 में महान क्रांतिकारी नेता बाल गंगाधर तिलक ने महाराष्ट्र की सीमा से लगे इस जिले का दौरा किया था और गणेश उत्सव की परंपरा की शुरुआत की थी.
महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष और अधिवक्ता अरुण शेंडे ने गणेश चतुर्थी के अवसर पर पीटीआई-भाषा को बताया कि एक सदी से भी अधिक समय से शहर के तिलक हॉल में मनाया जाने वाले गणेश उत्सव महामारी की वजह से इस बार नहीं हो पा रहा है. पश्चिम बंगाल में कई सामुदायिक पूजा आयोजकों ने डिजिटल प्रौद्योगिकी के जरिये श्रद्धालुओं को गणेश प्रतिमाओं के दर्शन कराए. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए ट्वीट किया ‘‘गणेश चतुर्थी पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं.”
कोलकाता में सबसे पुराने सामुदायिक पूजा आयोजकों में से एक बिधाननगर गणेश चतुर्थी महोत्सव के एक पदाधिकारी अनिंद्य चटर्जी ने कहा ‘‘हमने एक लिंक की सुविधा दी है जिसे क्लिक कर श्रद्धालु पूजा कर सकते हैं, दान या चढ़ावा दे सकते हैं और होम डिलीवरी के जरिये घर पर ही प्रसाद पा सकते हैं.” ओडिशा में इस बार गणेश चतुर्थी के पर्व पर मेलों और सांस्कृतिक आयोजनों की धूम नहीं रही. लोगों ने अपने अपने घरों में ही गणेश पूजा की.
प्रशासन ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पंडालों में सामुदायिक पूजा आयोजन की अनुमति नहीं दी है. इसके अलावा गंजाम, खुर्दा, गजपति और कटक जिलों में शनिवार और रविवार को बंद भी रहता है जिसके चलते लोगों की आवाजाही पर रोक रहती है.
तमिलनाडु में विनायक चतुर्थी का पर्व शनिवार को धूमधाम से मनाया गया लेकिन कोविड-19 महामारी की वजह से सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के कारण, हर बार की तरह गणपति की विशाल प्रतिमाएं इस बार नजर नहीं आईं. कोयंबटूर में विहिप के नौ कार्यकर्ताओं को पाबंदियों का उल्लंघन कर सार्वजनिक स्थानो पर गणेश प्रतिमाएं स्थापित करने के आरोप में हिरासत में ले लिया गया. मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने अपने गृह नगर सलेम में अपने आवास पर पूजा अर्चना की. कोविड-19 महामारी के कारण तेलंगाना में भी धूमधाम के बिना सामान्य तरीके से गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया गया. लोगों ने अपने घरों में पूजा की. वर्षों से लोग समूहों में एकत्र होकर पूजा करते आ रहे थे.
राज्य सरकार के मंत्री ए इद्रकरन रेड्डी ने लोगों से इस महीने चतुर्थी उत्सव और मुहर्रम कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करते हुए आयोजित करने की अपील की थी. इस बार आंध्र प्रदेश में विनायक चतुर्थी का पर्व मनाने में पारंपरिक उत्साह की कमी नजर आई. राज्य में लगी पाबंदियों के परिणामस्वरूप गलियों में पंडाल नहीं लगाये गये थे जहां विभिन्न आकारों में भगवान गणेश की मूर्तियां आम तौर पर नौ दिनों के उत्सव के लिए स्थापित की जाती थीं. कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाई गई पाबंदियों के कारण मंदिरों में विनायक के दर्शन के लिए कुछ ही लोगों को दर्शन की अनुमति दी गई थी.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak