पौष्टिक भोजन कोरोना सहित दूसरे रोगों से होने वाली मौत को रोकने में कारगर : स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन
कोरोना वायरस और अन्य बीमारियों से लड़ने में, प्रतिरोधकता विकसित करने में स्वास्थ्यवर्धक भोजन की अहम भूमिका पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने बुधवार को कहा कि एक ही परिवार के लोग पोषण के जरिए प्राप्त प्रतिरोधकता के आधार पर कोविड-19 के प्रति अलग अलग प्रतिक्रिया प्रदर्शित कर रहे हैं.
नयी दिल्ली : कोरोना वायरस और अन्य बीमारियों से लड़ने में, प्रतिरोधकता विकसित करने में स्वास्थ्यवर्धक भोजन की अहम भूमिका पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने बुधवार को कहा कि एक ही परिवार के लोग पोषण के जरिए प्राप्त प्रतिरोधकता के आधार पर कोविड-19 के प्रति अलग अलग प्रतिक्रिया प्रदर्शित कर रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार हर्षवर्द्धन ने भारत खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा सही खान-पान की चुनौती के तहत आयोजित ऑनलाइन कार्यशाला में इस बात पर जोर दिया कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी विकार जैसे गैर संक्रामक रोगों से होने वाली 61.8 फीसद मौतों का त्रुटिपूर्ण आहर से प्रत्यक्ष या परोक्ष संबंध होता है.
Also Read: तीन साल में बनकर तैयार हो जायेगा भव्य राम मंदिर
बयान के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘‘ ट्यूबरकुलोसिस जैसे संक्रामक रोग भी ऐसे लोगों पर गैर आनुपातिक असर डालते हैं जो कुपोषित होते हैं. एक ही परिवार के लोग पोषण के जरिए प्राप्त प्रतिरोधकता के आधार पर कोविड-19 के प्रति अलग अलग प्रतिक्रिया प्रदर्शित कर रहे हैं. ”
उन्होंने देशभर में ‘सही खानपान भारत’ पहल को आगे बढ़ाने में विभिन्न पक्षकारों की मदद के लिए के लिए एफएसएसएएआई के ‘ सही खानपान भारत ‘ हैंडबुक और वेबसाइट को लांच किया. केंद्रीय मंत्री ने 197 शहरों और जिलों के अधिकारियों को संबोधित करते हुए इस अभियान की अनिवार्यता को सामने रखा.
उन्होंने कहा कि भारत में 135 करोड़ लोगों में से ‘19 करोड़ से ज्यादा लोग भूख के शिकार हैं, 18 करोड़ लोग मोटापे से ग्रस्त हैं. 4.7 करोड़ बच्चे ठिगने हो चुके हैं जबकि 2.5 करोड़ के साथ अन्य शारीरिक परेशानियां हैं. 50 करोड़ में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी है जबकि 10 करोड़ में खाद्य जनित बीमारियां है. ”
हर्षवर्द्धन ने कहा, ‘‘ यह आंदोलन खाद्य एवं पोषण की प्राथमिकता तय करने, हमारे खानपान की आदत के बारे में जागरूकता पैदा करने और इन चुनौतियों के निदान में हमारा ध्यान मजबूत करेगा. इससे भोजन की बर्बादी और उसके निपटान की समस्या पर भी ध्यान जाएगा . ”
Posted By – Pankaj Kumar Pathak