नयी दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने तय किया है कि वह जारी लॉकडाउन में राहत नहीं देगी क्योंकि फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार थमा नहीं है. उन्होंने कहा कि यह निर्णय लोगों का जीवन बचाने के उद्देश्य से किया गया है. केजरीवाल ने ऑनलाइन प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार एक हफ्ते बाद फिर से स्थिति का आकलन करेगी.
दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव की ओर से जारी एक आदेश के मुताबिक सरकार 27 अप्रैल को स्थिति की समीक्षा करेगी. केजरीवाल ने कहा, जारी लॉकडाउन की वजह से अनेक लोग दिक्कतों का सामना कर रहे हैं..हम भी इसमें राहत देना चाहते हैं जोकि आसान काम है, लेकिन अगर हम छूट देते हैं और अगर अस्पतालों में आईसीयू, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन की कमी होती है तथा लोगों की जान जाने लगती है तो हम खुद को माफ नहीं कर सकेंगे. इसलिए, बंद से राहत नहीं देने का आज फैसला किया गया.
उन्होंने कहा कि क्योंकि वायरस ने तेजी से फैलना शुरू कर दिया है, इसलिए नियंत्रण क्षेत्रों की संख्या बढ़ा दी गई है. हालांकि उन्होंने आश्वस्त किया कि स्थिति नियंत्रण में है. दिल्ली में 11 जिले संक्रमण से अत्यधिक प्रभावित हैं और केंद्र सरकार के संशोधित दिशा-निर्देशों के मुताबिक राहत नहीं दी जा सकती.
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां उन लोगों में कोविड-19 की पुष्टि हुई है जिनमें लक्षण नजर नहीं आ रहे थे. केजरीवाल ने कहा कि हाल में जो 736 नमूने एकत्रित किए गए, उनमें से 186 लोगों में शनिवार को संक्रमण की पुष्टि हुई और इनमें से किसी में लक्षण नजर नहीं आ रहे थे. इन लोगों को भी पता नहीं था कि वे वायरस की चपेट में आ चुके हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा, हमने जब उनमें से एक से बात की तो उसने कहा कि वह बंद के दौरान सरकार द्वारा चलाए जा रहे खाद्य केंद्र पर भोजन देने का काम कर रहा था. मैंने उस केंद्र पर गए सभी लोगों की त्वरित जांच के आदेश दिए. हम पूरे शहर में सरकार संचालित केंद्रों में भोजन वितरित करने का काम कर रहे सभी लोगों की त्वरित जांच भी कराएंगे.
उन्होंने इससे पहले कहा था कि उनकी सरकार राष्ट्रीय राजधानी में करीब 10 लाख लोगों को रोजाना भोजन उपलब्ध करा रही है. रविवार को, केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में देश की दो प्रतिशत आबादी रहती है लेकिन यहां कोविड-19 के मामले देश के कुल मामलों का 12 प्रतिशत हैं.
मुख्यमंत्री ने पिछले महीने निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के कार्यक्रम और विभिन्न देशों से बड़ी संख्या में यात्रियों के यहां आने को वायरस के प्रसार का कारण बताया. उन्होंने कहा, दिल्ली इन दिनों मुश्किल जंग लड़ रही है. देश की राष्ट्रीय राजधानी होने के कारण, विभिन्न देशों से बड़ी संख्या में लोग यहां आए. दिल्ली को अन्य देशों से आने वाले अधिकतर यात्रियों का दंश झेलना पड़ा.
दिल्ली को मरकज में हुए कार्यक्रम का भी हर्जाना भुगतना पड़ा है. केजरीवाल ने कहा कि अब तक शहर में कोरोना वायरस के 1,893 मामले सामने आए हैं और 43 लोगों की मौत हुई है. वर्तमान में 26 लोग आईसीयू में हैं और छह वेंटिलेटर पर हैं. 43 मृतकों में से 24 की उम्र 60 वर्ष से अधिक थी. उन्होंने कहा, अगर लॉकडाउन नहीं किया जाता तो यहां भी स्थिति इटली और स्पेन जैसी हो जाती. दिल्ली सरकार ने घातक विषाणु के प्रसार को रोकने के लिए 76 इलाकों को नियंत्रण क्षेत्र घोषित किया है.