कोरोना वैक्सीन का लंबे समय से इंतजार था. वैक्सीन आने के बाद सबसे पहली प्राथमिकता स्वास्थ्य कर्मचारियों को दी जा रही है. लंबे इंतजार के बाद जब वैक्सीन उपल्बध है तो इसे लेकर कई तरह के भ्रम और अफवाहों ने जगह बना ली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वैक्सीन को लेकर भ्रम को दूर करने की कोशिश की. स्वास्थ्य मंत्री लगातार इस भ्रम को लेकर पत्रकारों से बात करते रहे हैं.
इस बीच एक शोध हुआ जिसने नये आंकड़े सामने रखें हैं. आर्थिक संगठन एनसीएईआर ने एक शोध में पाया है कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में करीब 39 प्रतिशत लोगों में कोविड-19 का टीका लगवाने को लेकर असमंजस की स्थिति में है और लगभग 20 प्रतिशत लोगों ने टीका लेने से इनकार कर दिया है.
भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चल रहा है. इस बीच एनसीएईआर ने दिल्ली- एनसीआर में फोन से सर्वेक्षण कराया इसमें 20 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि वे टीका बिल्कुल भी नहीं लगवाने वाले.
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इनमें से 22.4 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों से हैं और शहरी इलाके से 17.5 फीसदी लोग शामिल है. इस शोध में चार फीसद लोगों ने कहा है कि चुकि वह संक्रमित हो चुके हैं इसलिए वैक्सीन नहीं लगायेंगे.