मुंबई/तिरुवनंतपुरम : महाराष्ट्र और केरल में कोरोना महामारी का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. महाराष्ट्र में कोरोना का कहर लगातार जारी है. बुधवार तक एक दिन में चार महीने के दौरान सबसे अधिक कोरोना के केस दर्ज किए गए. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में बुधवार तक 9855 मामले सामने आए, तो दूसरी तरफ केरल में तकरीबन 2700 नए केस दर्ज किए गए. अगर देश के कुल मामलों से तुलना की जाए तो तकरीबन 60 से 70 प्रतिशत मामले इन्हीं दोनों राज्यों से सामने आ रहे हैं. महाराष्ट्र में स्थिति और भी ज्यादा भयावह है. यही वजह है कि राज्य के कई जिलों में लॉकडाउन सहित अन्य प्रतिबंध लगा दिए गए हैं.
देश की औद्योगिक राजधानी मुंबई पर एक बार फिर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है. इसी के मद्देनजर मुंबई के पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह ने मास्क नहीं पहनने वाले लोगों के खिलाफ अभियान तेज करते हुए पुलिस से प्रत्येक जोन में नियमों का उल्लंघन करने वाले कम से कम 1,000 लोगों से जुर्माना वसूलने का निर्देश दिया है.
ब्राजील से आने वालों को सात दिन का होम कोरेंटिन
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, महाराष्ट्र में इस वक्त 3,60,500 लोग होम कोरेंटिन में हैं. इस बीच बीएमसी ने कहा है कि ब्राजील से वापस आने वाले सभी मराठी लोगों को सात दिन तक होम कोरेंटिन में रहना होगा. यात्रियों को ऐसा रिपोर्ट पॉजिटिव या निगेटिव दोनों ही स्थितियों में करना होगा. इससे पहले, राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आगाह कर चुके हैं कि नियम न मानने पर एक और लॉकडाउन के लिए लोगों को तैयार रहना होगा.
अन्य राज्यों में क्या है स्थिति?
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश के 22 राज्यों के 140 जिलों में कोरोना का ग्राफ ऊपर चढ़ा है. सबसे ज्यादा महाराष्ट्र के सभी 36 जिले प्रभावित हैं. इसके अलावा, केरल के 9, तमिलनाडु के 7, पंजाब और गुजरात के 6-6 जिले इनमें शामिल हैं. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को कोरोना को फैलने से रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाने और कड़ी सतर्कता बनाए रखने की सलाह दी गई है.
राज्यों में केंद्रीय टीम रवाना
केंद्र सरकार ने कोरोना के हाल में बढ़े मामलों से निपटने के लिए उच्च स्तरीय टीमों को महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, और जम्मू और कश्मीर रवाना किया है. तीन सदस्यीय टीमों का नेतृत्व स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी कर रहे हैं.
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Posted by : Vishwat Sen