भारत में कोरोना महामारी के बीच लापरवाही भी जारी है. क्योंकि भारत में 50 फीसदी लोग मास्क नहीं पहनते हैं. इतना ही नहीं जो 50 फीसदी लोग मास्क पहनते हैं उनमें से मात्र 14 प्रतिशत लोग ही सही तरीके से मास्क पहनते हैं. इसका मतलब यह है कि देश की 86 फीसदी आबादी कोरोना को निमंत्रण दे रही है या फिर इस महामारी को गंभीरता से नहीं ले रही है.
गुरुवार को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के संयुक्त सचिव द्वारा साझा किए गए एक रिपोर्ट के आधार पर इस बात का खुलासा हुआ है. कोरोना की रुटीन ब्रीफिंग करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि देश में केवल 100 में सात लोग की सही तरीके से मास्क पहनते हैं. जबकि बाकी लोग मास्क को ठुड्डी और मुंह पर पहनते हैं. पर उन्हें इस बात का पता नहीं होता है कि इस तरह से मास्क पहनने के कारण वो कोरोना के लिए आवश्यक बहुत ही बुनियादी मानदंड का उल्लंघन कर रहे होते हैं.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि इसका पता लगाने के लिए 25 दिनों में 2000 लोगों के सैंपल साइज पर सर्वे किया गया. इस दौरान उन्हें कोरोना महमारी को रोकने के लिए अपनाये जाने वाले गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने का निर्देश भी दिया.
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी
स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि अगर कोई व्यक्ति सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करता है तो वह व्यक्ति एक महीने में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है. कोराना के प्रसार को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग एक बेहतरीन और प्रभावी टीका है.
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है जब सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार ने यह बताया कि कोरोना के प्रसार में मदद करने वाले एयरोसोल बंद जगहों पर 10 मीटर तक की दूरी तक कर सकते हैं. मंत्रालय ने लोगों को सलाह दी कि वे बंद जगहों पर वेंटिलेशन सुनिश्चित करें ताकि क्षेत्र के वायरल लोड को कम किया जा सके.
वहीं शुक्रवार को जारी स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 2,59,591 नये मामले सामने आये हैं. जो गुरुवार को आये मामलों से कम हैं. जबकि 24 घंटे में संक्रमण से 4209 लोगों की मौत हो गयी है.
Posted By: Pawan Singh