नयी दिल्ली : अब से कुछ दिनों पहले तक सही साथी ढूंढने के लिए लोग डेट पर जाया करते थे और कॉफी या घूमने-फिरने के बहाने एक-दूसरे को बेहतर तरीके से जानने की कोशिश करते थे. इतना ही नहीं मुलाकात नाकाफी लगने पर दोबारा मिलने का वादा करते थे, लेकिन कोविड-19 ने डेटिंग की इस परंपरा के नियम बदल दिए हैं, अब सबकुछ ऑनलाइन हो रहा है और अब इसमें सिर्फ बातों की जगह रह गई है.
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इतने लंबे लॉकडाउन ने रोमांस के पुराने तरीके की ओर मुड़ने पर मजबूर कर दिया है और संभवत: एक ऐसे समय की ओर जब नेट कनेक्टिविटी के नाम पर कुछ नहीं था. दिल्ली की संचार विशेषज्ञ 25 वर्षीय अवंतिका सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, असल में मैं मानती हूं कि यह अच्छी चीज है…क्योंकि आप ज्यादा वक्त चैट करने में बिताते हैं फिर धीरे-धीरे फोन करने लगते हैं और अगर आपको कोई अच्छा लगता है तो वीडियो कॉल भी कर लेते हैं.
सिंह ने कहा, लॉकडाउन से पहले, लोग बस दो या तीन दिन चैट करते थे और फिर मुलाकात करते थे या कम से कम मुलाकात का आग्रह तो आ ही जाता था, लेकिन अब कोई और विकल्प नहीं हैं और यह अच्छा है. सिंह ने कहा कि अभूतपूर्व बंद की स्थिति प्रेम तलाशने का अवसर लेकर आई है. कई युवा, सिंह की इस बात से सहमत दिखते हैं. अप्रैल की शुरुआत में, ऑनलाइन डेटिंग वेबसाइट ने मार्च शुरू होने के बाद प्रेम तलाशने के लिए ऑनलाइन माध्यमों का इस्तेमाल करने वाले शीर्ष देशों की सूची जारी की. इसमें देखा गया कि ऑनलाइन डेटिंग के मामले में अमेरिका सबसे सक्रिय देश था.
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दूसरे नंबर पर भारत और तीसरे एवं चौथे नंबर पर क्रमश: आयरलैंड और ब्रिटेन थे. पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन क्षेत्र में टिंडर, ओकेक्यूपिड, बंबल और हिंज जैसे डेटिंग ऐप की बाढ़ आ गई है. कई डेटिंग वेबसाइटों ने लॉकडाउन के दौरान लोगों के एक-दूसरे से बात करने के तरीके में आये फर्क को देखना शुरू कर दिया है.
विशेषज्ञों का कहना है कि रेस्तरां, बार, जिम, दफ्तर और मनोरंजन स्थलों के अस्थायी रूप से बंद होने के बाद लोग पहले से कहीं ज्यादा मानवीय जुड़ाव की तलाश में हैं.