Coronavirus , migrant workers: प्रवासी मजदूरों को रोकने के प्रयास में हर कोई लगा हुआ है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से इनके पलायन को रोकने के लिए केंद्र सरकार इस पर विचार कर रही है कि अगले एक-दो महीना तक मकान मालिक किरायदारों को किराया के लिए परेशान न करें. गृह मंत्रालय के अधिकारी इस पर विचार कर रहे हैं. इधर, पलायन को लेकर बयानबाजी भी तेज हो गयी है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार आरोप लगा रही है कि लोग दिल्ली को छोड़कर इसलिए पलायन कर रहे हैं, क्योंकि ‘आप’ सरकार ने बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिये हैं.
सिसोदिया ने भाजपा पर कोरोना वायरस महामारी को लेकर ‘‘ओछी राजनीति” करने का भी आरोप लगाया. सिसोदिया की यह तीखी प्रतिक्रिया उन खबरों के बाद आयी जिनमें कहा गया है कि प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या अपने गृहराज्यों की बसों में सवार होने के लिए आनंद विहार पहुंची है. सिसोदिया ने ट्वीट किया- मुझे बहुत दुःख है कि कोरोना वायरस महामारी के बीच भाजपा नेता ओछी राजनीति पर उतर आये हैं. योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल जी ने बिजली-पानी का कनेक्शन काट दिया इसलिए लोग दिल्ली से जा रहे हैं. यह गम्भीरता से एक होकर देश को बचाने का समय है, घटिया राजनीति का नहीं.
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली की सीमा पर जो लोग हैं वो केवल दिल्ली से नहीं बल्कि हरियाणा, पंजाब, राजस्थान तक से आए लोग हैं. जो भी इस वक्त दिल्ली में है, उसे छत देने और खाना देने की ज़िम्मेदारी हमारी है ताकि कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ प्रधानमंत्री मोदी जी का बंद सफल हो सके.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को एनएचएआइ चेयरमैन और टोल ऑपरेटरों को निर्देश दिया कि वे राष्ट्रीय राजमार्गों पर प्रवासी मजदूरों को भोजन, पानी और दूसरी जरूरी मदद मुहैया कराएं. संकट के इस समय में हमें अपने साथी नागरिकों के लिए दयावान बनना होगा. उन्होंने उम्मीद जतायी कि टोल ऑपरेटर उनके आह्वान पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देंगे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपील की है की यूपी और दिल्ली दोनों सरकारों ने बसों का इंतजाम तो कर दिया है, लेकिन मेरी सभी से अपील है कि वे जहां है, वहीं रहें. हमने दिल्ली में रहने, खाने-पीने सबका इंतजाम किया है. कृपया अपने घर पर ही रहें. अपने गांव ना जाएं, नहीं तो लॉकडाउन का मकसद ही खत्म हो जायेगा.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार प्रवासी कामगारों को हर सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के मुताबिक सरकार बंद की अवधि के दौरान प्रवासी कामगारों को हर सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, शाह ने राज्यों को बंद के दौरान प्रवासी कामगारों के लिए राज्य आपदा राहत कोष का इस्तेमाल करने को अधिकृत किया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश और बिहार के लोगों के लिए 1000 बसों का इंतजाम कर उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने की पहल की है. दिल्ली और अन्य जगहों से बड़ी संख्या में लोग विशेषकर मजदूर नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर और अलीगढ़ जैसी जगहों पर पहुंचे थे. मुख्यमंत्री ने इन इलाकों में बसों की व्यवस्था करायी है.
कुछ लोग ये कहते नजर आ रहे हैं कि दिल्ली में उन्हें मकान मालिकों ने परेशान कर दिया जिसके कारण उन्हें अपने गांवों का रुख करना पड़ रहा है. वहीं कई लोग कह रहे हैं कि लॉकडाउन के कारण उनके पास काम की कमी है. यदि काम नहीं मिलेगा तो रोटी कहां से खाएंगे. आपको बता दें कि पीएम मोदी की अपील के बाद भी दिल्ली की सीमा पर हजारों लोग पहुंचे. ये अपने गांव जाना चाहते हैं ताकि चैन से रह सकें.