कहते हैं कोई भी संकट मानव के हौसले से बड़ा नहीं होता है. करीब एक साल से दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही है. हर तरफ कोरोना के भयावह आंकड़ें हैं. इंसानों के चेहरे पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करते लोग भी दिखते हैं. इन सबके बीच जिंदगी की रफ्तार जारी है. कोरोना संकट में कहीं से वोटिंग की तस्वीरें आई तो कहीं से क्रिसमस की तैयारियों में जुटे बच्चे भी हैं और उनकी मुस्कुराहटें भी.
धरती पर सबसे ज्यादा खूबसूरत चीज बच्चों की मुस्कान है. बच्चों की मुस्कुराहट में हर गम को हराने की ताकत है. पाकिस्तान के इस्लामाबाद में क्रिसमस के पहले बच्चों के बीच सांता क्लॉज पहुंचे और उन्हें मिठाई देकर शुभकामनाएं दी. बच्चों की मुस्कुराहट से कोरोना संकट को हराने का ऐलान हो गया है. जता दिया गया ‘मुसीबत कितनी भी बड़ी हो इंसानों को खुशी के साथ जिंदा रहने का हुनर ठीक से पता है.’
दक्षिण कोरिया की तस्वीर में वर्कर्स मास्क पहन नए साल के जश्न की तैयारियों में जुटे हैं. सियोल के जोगेसा बुद्धिस्ट मंदिर में न्यू ईयर पर खास आयोजन होते हैं. कोरोना संकट के बीच दुनियाभर में एहतियात बरती जा रही है. सियोल के जोगेसा बुद्धिस्ट मंदिर में भी न्यू ईयर सेलिब्रेशन की तैयारियां जारी हैं. वर्कर्स मास्क पहने पेड़ पर इलेक्ट्रिक लालटेन लगाने में जुटे हैं. ‘खुशियों के लिए इतना तो करना ही पड़ता है.’
पूर्वी रोमानिया के ऑयन कॉर्विन स्थित सेंट एंड्रयू में भी खास कार्यक्रम किया गया. माना जाता है कि यहां संत एंड्रयू काफी समय तक रहे थे. लोगों को मानवता के उपदेश दिए थे. आज मानवता के लिए प्रार्थना की सबसे ज्यादा जरूरत है. आज देश और सरहदों के भेद को खत्म करके एक सुर में कोरोना संकट पर जीत की प्रार्थना जारी है. हर हाथ और हर आंख में कोरोना संकट पर जीत का हौसला दिखाई दे रहा है.
कोरोना संकट के बावजूद जिंदगी की रफ्तार जारी है. जिंदगी पुरानी बातों को छोड़कर नई शुरूआत में यकीन रखता है. बिहार और राजधानी पटना में कोरोना संकट के बावजूद पारा-मेडिकल एग्जामिनेशन में युवाओं ने हिस्सा लिया. यह युवाओं की जिम्मेदारी और कोविड-19 पर भारी उनके हौसले की तस्वीर है. यह तस्वीर बताने के लिए काफी है कि आज के दौर के युवा हर बड़े संकट को हराने में यकीन रखते हैं.
महाराष्ट्र के नागपुर में कोविड-19 संकट के बीच एमएलसी इलेक्शन के लिए वोटिंग हुई. कोरोना संकट में चुनाव वोटर्स के लिए चुनौती से ज्यादा जिम्मेदारी के रूप में सामने आई. वोटर्स ने वोटिंग से अपना फैसला ईवीएम में कैद किया. चेहरे पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के बीच मतदाताओं ने लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा लिया. वोटर्स ने कोरोना संकट को बौना कर दिया. इंसान के जिंदा होने का मतलब भी समझा गया.
भारत ने टीबी और कुष्ठ जैसी बीमारियों को खत्म करने का ऐलान किया है. देश में कोरोना संकट के बीच हेल्थ वर्कर्स को जिम्मेदारियों का बखूबी पता है. मुंबई के धारावी में हेल्थ वर्कर्स ने डोर-टू-डोर सर्वे किया. लोगों से बात की और तमाम जानकारियां जुटाई. देश में कोरोना संकट हो या दूसरी बीमारियों को खत्म करने की कोशिश, हेल्थ वर्कर्स हमेशा फ्रंटलाइन पर रहते हैं. हमें हौसला देते हैं- ‘जीना इसी का नाम है.’
Posted : Abhishek.