नयी दिल्ली : देश में बढ़ते कोरोना संकेट के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिये. जिसमें पशुधन विकास के लिए फंड और कुशीनगर हवाई अड्डा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित किया जाना शामिल है.
केंद्र की मोदी सरकार ने उत्तर प्रदेश में कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को मंजूरी दे दी है. कुशीनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा मिलने से बौद्ध धर्म के अनुयायियों को कुशीनगर आने में आसानी होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया.
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित करने की मंजूरी दे दी है.
मोदी सरकार ने पशुधन विकास के लिए 15000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इससे कोरोना संकट के बीच आर्थिक रूप से प्रभावित दूध उत्पादकों को बड़ा लाभ मिलेगा. दुश का उत्पादन भी बढ़ेगा और लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा.
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केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग का कार्यकाल छह महीने बढ़ाने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि आयोग को अन्य पिछड़े वर्गों से संबंधित विभिन्न सिफारिशें करने का काम सौंपा गया था, लेकिन कोरोना वायरस प्रकोप के कारण यह काम प्रभावित हुआ. आयोग को अन्य पिछड़े वर्गों के अंदर वर्गीकरण के मुद्दे पर गौर करने की भी जिम्मेदारी दी गयी है. आयोग का कार्यकाल 31 जनवरी, 2021 तक बढ़ाया गया है. ओबीसी कमिशन अब इस बात का भी ध्यान रखेगा कि स्पेलिंग मिस्टेक की वजह से किसी जाति के लोगों को आरक्षण के लाभ से वंचित न होना पड़े.
सरकार ने बुधवार को अपनी प्रमुख योजना प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत शिशु कर्ज श्रेणी के कर्जदाताओं को 2 प्रतिशत ब्याज सहायता देने को मंजूरी दी.
शिशु श्रेणी के अंतर्गत लाभार्थियों को 50,000 रुपये तक कर्ज बिना किसी गारंटी के दिया जाता है. सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएमएमवाई के तहत शिशु कर्ज श्रेणी के कर्जदाताओं को 2 प्रतिशत ब्याज सहायता देने को मंजूरी दी है. पात्र कर्जदाताओं को 31 मार्च 2020 तक के बकाया ऋण पर ब्याज सहायता 12 महीने के लिये मिलेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ अप्रैल 2015 को पीएमएमवाई की शुरुआत की थी. इसके तहत 10 लाख रुपये तक का कर्ज लघु एवं सूक्ष्म उद्यमों को दिया जाता है. मुद्रा कर्ज के नाम से चर्चित यह ऋण वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, छोटी राशि के कर्ज कर्ज देने वाले संस्थान (एमएफआई) और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां देती हैं.
सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक की देखरेख के तहत लाया जायेगा सरकार ने बुधवार को कहा कि सभी सहकारी बैंकों और बहु- राज्यीय सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक की देख रेख के तहत लाया जायेगा. सरकार के इस कदम का मकसद सहकारी बैंकों के जमाकर्ताओं को संतुष्टि और सुरक्षा देना है.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुये सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि शहरी सहकारी बैंकों और बहु- राज्यीय सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक के बेहतर परिचालन के वास्ते रिजर्व बैंक के निरीक्षण के दायरे में लाया जायेगा. अब तक केवल वाणिज्यिक बैंक ही रिजर्व बैंक के निरीक्षण के तहत आते रहे हैं लेकिन अब सहकारी बैंकों का निरीक्षण भी रिजर्व बैंक करेगा. जावड़ेकर ने कहा, जमाकर्ताओं को भरोसा मिलेगा की उनका पैसा सुरक्षित है.
posted by – arbind kumar mishra