अच्छी खबर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को मिल सकती है अहम सीट
UN Security Council : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कोरोना वायरस संक्रमण (coronavirus crisis) को देखते हुए अपनी पांच अस्थाई सीटों के लिए अगले माह नयी चुनाव प्रक्रिया के तहत चुनाव कराने का निर्णय किया है.
संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) ने कोरोना वायरस संक्रमण (Corona virus infection) को देखते हुए अपनी पांच अस्थाई सीटों के लिए अगले माह नयी चुनाव प्रक्रिया के तहत चुनाव कराने का निर्णय किया है.
ऐसा माना जा रहा है कि एशिया प्रशांत सीट के लिए इकलौता दावेदार होने के कारण भारत को यह सीट मिलना तय है. महासभा ने शुक्रवार को ‘कोरोना वायरस महामारी के दौरान पूर्ण बैठक के बिना गुप्त मतदान द्वारा चुनाव कराने की प्रक्रिया’ संबंधी एक निर्णय अंगीकार किया.
इस फैसले के अनुसार सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्यों का चुनाव, तथा आर्थिक और सामाजिक परिषद के सदस्यों का चुनाव पूर्ण सत्र के बगैर जून 2020 में कराया जाएगा.
पांच अस्थाई सदस्यों के लिए 2021-22 सत्र के लिए चुनाव 17 जून को होने थे. भारत अस्थाई सदस्य सीट का उम्मीदवार है और एशिया प्रशांत ग्रुप से इकलौता उम्मीदवार होने के नाते उसकी जीत तय है.
Also Read: WHO से नाता तोड़ने के बाद ट्रंप ने चीन के पीएलए से जुड़े शोधार्थियों और विद्यार्थियों को भी किया बैन
गौरतलब है कि भारत की उम्मीदवारी का पिछले साल जून में एशिया प्रशांत ग्रुपिंग के 55 सदस्यों ने सर्वसम्मति से अनुमोदन किया था. इनमें चीन और पाकिस्तान भी शामिल हैं. भारत के दृष्टिकोण से चुनाव प्रक्रिया में किसी भी तरह के बदलाव से उसकी उम्मीदवारी पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
मालूम हो भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता को लेकर लगातार प्रयासरत रहा है. भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी का ब्रिटेन और फ्रांस सहित कई सदस्य देशों ने समर्थन किया है. हालांकि चीन ने हमेशा भारत की सदस्यता से इनकार किया है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी और 10 अस्थाई सदस्य होते हैं
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमरीका, चीन, रुस, ब्रिटेन और फ्रांस को स्थाई सदस्यता प्राप्त है. इसके अलावा 10 अन्य देशों को दो साल के लिए अस्थाई सदस्य के रुप में सुरक्षा परिषद में शामिल किया जाता है. संयुक्त राष्ट्र के सभी महत्वपूर्ण निर्णय सुरक्षा परिषद में लिए जाते है. मालूम सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को अंतराष्ट्रीय कानून का दर्जा प्राप्त होता है.