कोरोनावायरस के प्रकोप से अपने परिजनों को खो देने वाले उन लोगों की पीड़ा आपने समझने की कोशिश की है, जिन्हें अपने प्रियजन के अंतिम संस्कार के लिए भी सौदेबाजी करनी होती है. कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश में कुछ इसी तरह की स्थिति पैदा कर दी है. लेकिन इस आपदा को अपने लिए अवसर बना लेने वाले लोग अंतिम संस्कार के लिए 70 हजार रुपये तक वसूल रहे हैं.
अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स आॅफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार हैदराबाद की एक महिला ने बताया कि उससे उसके पति के अंतिम संस्कार के लिए 50 हजार लिये गये. जिन लोगों ने अंतिम संस्कार का इंतजाम किया वे ठीक से बता भी नहीं रहे थे कि कहां अंतिम संस्कार किया जायेगा. महिला के पति की मौत अस्पताल में हुई थी. महिला ने कहा कि कई औपचारिकताएं यहां करनी होती है जिसकी वजह से शायद इससे कम में अंतिम संस्कार संपन्न ना हो पाये.
वहीं एक आदमी ने बताया कि उसके पिता की मौत एक सरकारी अस्पताल में हुई थी और उससे अंतिम संस्कार के लिए 70 हजार रुपये मांगे गये. उस व्यक्ति के पिता कुछ दिन से अस्पताल में भरती थे और निधन के बाद जब उन्होंने अंतिम संस्कार के लिए पूछा तो उनसे 70 हजार रुपये मांगे गये.
वहीं सरकारी अधिकारियों का इस संबंध में कहना है कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि प्राइवेट अस्पतालों ने कुछ दिन पहले तक अंतिम संस्कार के लिए 25 हजार रुपये लिये, लेकिन अब इसे आठ हजार पर फिक्स कर दिया गया है. प्राइवेट अस्पताल इससे ज्यादा पैसे नहीं ले सकते हैं. वहीं अगर किसी व्यक्ति की सरकारी अस्पताल में मौत हुई हो या कोई लावारिस बाॅडी हो तो उसका अंतिम संस्कार भी फ्री में होगा.
यह स्थिति सिर्फ हैदराबाद की ही नहीं है, ऐसी कई खबरें पूरे देश से आ रही हैं कि एंबुलेंस वाला, दवाई दुकान वाला, अंतिम संस्कार करने वाले सभी काम के बदले दोगुने-तिगुने पैसे मांग रहे हैं और पीड़ित परिवार झमेला ना हो ये सोच कर पैसे दे रहा है. लेकिन जिनके पास इतने पैसे नहीं हैं उनका क्या? इस सवाल का जवाब तो गंगा में बहती लाशें और किनारे पर दफनाई गयी लाशें दे रही हैं. उत्तर प्रदेश में इस बार कोरोना का कहर भयंकर रूप से टूटा है. ग्रामीण इलाकों में कोरोना की पहुंच हो जाने के कारण इलाज के अभाव में मरीज दम तोड़ रहे हैं और पैसे की कमी के कारण शवों को गंगा में बहा दिया जा रहा है.
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एक एनजीओ से जुड़े व्यक्ति ने बताया कि पैसों की कमी के कारण लोग अपने परिजनों का अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहे हैं, यही वजह कि अस्पतालों और अन्य जगहों पर शव पड़े हैं. हमारी संस्था ने अबतक 180 शवों का अंतिम संस्कार कराया है. हमें कई ऐसे काॅल आते हैं जिसमें परिजन यह कहते हैं कि वे अंतिम संस्कार का खर्च नहीं उठा सकते.
Posted By : Rajneesh Anand