नयी दिल्ली : दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने यहां निजामुद्दीन क्षेत्र में तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल होने के बाद विभिन्न मस्जिदों में ठहरे 275 विदेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें पृथक रखा है .
अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. इन 275 विदेशी नागरिकों में इंडोनेशिया से 172, किर्गिजस्तान से 36, बांग्लादेश से 21, मलेशिया से 12, अल्जीरिया से सात, अफगानिस्तान और अमेरिका से दो-दो तथा फ्रांस, बेल्जियम और इटली का एक-एक नागरिक शामिल हैं.
मंगलवार सुबह दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने तबलीगी जमात से जुड़े विदेशी नागरिकों सहित अन्य लोगों और फिलहाल विभिन्न मस्जिदों में तथा यहां अन्य स्थानों पर ठहरे लोगों के सिलसिले में फौरी कदम उठाने पर सरकार को पत्र लिखा. पुलिस ने कहा, ‘‘जिला प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की एक टीम मस्जिदों का दौरा कर रही है विदेशी नागरिकों को वहां से बाहर निकाल रही है तथा उन्हें पृथक केंद्रों में भेज रही है.
वे लोग मरकज में जमात का हिस्सा थे.” पुलिस ने बताया कि उसने शहर में विभिन्न मस्जिदों में ठहरे विदेशी नागरिकों की एक सूची बनाई है
मौलाना के वकील ने लगाया पक्षपात का आरोप– इससे पहले, मौलाना साद के वकील फुजैल अहमद अय्यूबी ने पुलिस और मीडिया पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है. वकील ने कहा कि जमात ने सभी चीजों को पारदर्शी तरीके से रख दिया है लेकिन किसी की नजर दूसरे पक्ष पर नहीं जा रहा है.
कौन है मौलाना साद – मौलाना साद तबलीगी जमात के प्रमुख हैं. उनपर आरोप है कि वे दिल्ली में बंदी के दौरान भी उन्होंने अपने जमात के कार्यक्रम करवायें, जिसमें हजारों लोग मौजूद थे. बाद में कार्यक्रम में शामिल होने वाले 10 लोग कोरोना के कारण मारे गये, जिसके बाद सरकार और दिल्ली पुलिस एक्शन में आयी.
1100 लोगों का किया गया था रेस्क्यू : 31 मार्च को दिल्ली पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निजामुद्दीन स्थित मरकज से 1100 लोगों को रेस्क्यू किया था. ये सभी लोग मार्च में होने वाले तबलगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने आये थे. इसके बाद कार्यक्रम से लौटने वाले कई लोगों की कोरोना के कारण मौत हो गयी, जिसके बाद सरकार एक्शन में आयी.