Coronavirus Fact Check: कुछ दिनों में हवा से भी तेज फैला ये 10 झूठ, जानें इसके पीछे की सच्चाई
Coronavirus Fact Check, No Fake News: जहां कोरोना से पूरा विश्व परेशान है, वहीं इसे लेकर कुछ लोग समाज में विभिन्न तरह की भ्रांतियां फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं. देश में लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद ये झूठ और तेजी से फैलता गया. आज हम अपने इस रिर्पोट में इन्हीं झूठों का करेंगे Fact Check....
जहां कोरोना से पूरा विश्व परेशान है, वहीं इसे लेकर कुछ लोग समाज में विभिन्न तरह की भ्रांतियां फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं. देश में लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद ये झूठ और तेजी से फैलता गया. आज हम अपने इस रिर्पोट में इन्हीं झूठों का करेंगे Fact Check….
कई लाशों वाली इटली शहर की तस्वीरकुछ दिनों पूर्व सोशल मीडिया में ऐसा दावा किया गया कि इटली के एक शहर में कई लाशें पड़ी नजर आ रही हैं. यहां कई लाशों को एकसाथ दफनाने के लिए लाया गया है. कोरोना के कारण इनकी मौत हुई है.
फैक्ट चेक: हमारी पड़ताल में वायरल दावा निकला झूठा. दरअसल, यह एक फिल्म की सीन है. कांटेजिअन नाम की एक मूवी में ऐसा सीन फिल्माया गया था. गूगल पर रिवर्स इमेज सर्चिंग करने से हमें इससे जुड़े कई लेख मिले. आपको बता दें कि वायरल तस्वीर इटली की नहीं निकली.
498/- का जिओ का फ्री रीचार्जलॉकडाउन के दौरान कुछ सोशल पंडित यह भी वायरस की तरह फैलाने लगे कि 31 मार्च तक 498 रुपये का रिचार्ज मुफ्त दिया जा रहा है. बताया गया कि जियो कंपनी लॉकडाउन के कारण अपने यूजर्स को यह सुविधा दे रही है. साथ में एक लिंक भी शेयर किया जा रहा था, जिस पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है. इस लिंक पर क्लिक करते ही आप एक Jio जैसी साइट पर पहुंच जाते हैं.
फैक्ट चेक: हमारे पड़ताल में हमने पाया की यह झूठ किसी और के नहीं बल्कि साइबर हैकरों द्वारा फैलाया जा रहा था. लिंक पर क्लिक करते ही आप उनके द्वारा बनाये एडरेस पर पहुंच जाते, जहां आपकी डीटेल्स हैक कर ली जाती है. ऐसे मैसेज से हमेशा सावधान रहने की जरूरत हैं. ऐसा करके वे आपके डिटेल हैक कर सकते है और उसके बाद आपका बैंक खाता खाली कर सकते हैं.
डॉ रमेश गुप्ता की किताब जंतु विज्ञान में कोरोना का इलाजडॉ. रमेश गुप्ता की लिखी एक किताब ज़ूलॉजी (जंतु विज्ञान) का हवाला देते हुए कुछ सोशल ज्ञाणी ने यह दावा किया कि इस किताब में COVID-19 के इलाज के बारे में लिखा हुआ है. किताब के एक पन्ने को सोशल मीडिया पर खूब वायरल किया जा रहा था. एक यूजर ने कहा कि इस किताब के ‘कॉमन कोल्ड’ सेक्शन में कोरोना वायरस के बारे में लिखा गया है.
इसके अनुसार, कॉमन कोल्ड कई तरह के होते हैं, जिसमें से 75 फीसदी राइनो वायरस या कोरोना वायरस की वजह से होते हैं. एक्सर्प्ट में भी उन दवाइयों के बारे में लिखा है जिन्हें इस संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल में किया जा सकता है – एस्पिरिन, एंटीहिस्टामाइंस और नेजल स्प्रे
फैक्ट चेक: इस खबर में भी कोई सच्चाई नहीं थी. क्योंकि अगर वाकई में दवा इसकी बनी होती तो आज दुनियाभर में इससे करीब 48000 लोगों की मौत नहीं हो जाती. वैज्ञानिक दवाओं का शोध करने के वजाय उस दवा को चलाते जो डॉ. रमेश गुप्ता की किताब में मौजूद है. विशेषज्ञों ने भी इस वायरल खबर का खंडण किया.
COVID-19 की दवा भारत में बन गईवायरल एक और झूठ लोगों को तब खुश कर दिया जब इसमें बताया गया कि कोरोना से बचाव की दवा का निर्माण कर लिया गया है. और खास बात यह है कि इसे भारत में खोजा गया है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) दिल्ली के शोधकर्ताओं ने यह शोध की है. और इसकी कीमत भी काफी कम होगी.
फैक्ट चेक: यह दावा भी पूरी तरह झूठा साबित हुआ क्योंकि जिसे दवा बताया जा रहा था वह दरअसल एक किट थी. जिसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) दिल्ली के शोधकर्ताओं ने शोध किया था. और इस किट की कीमत विदेशी किटों से काफी कम थी.
एक कपल जो 134 पीड़ितों का इलाज करने के बाद संक्रमण का शिकार हो गएसोशल डॉक्टरों ने एक कपल की तस्वीर शेयर करनी शुरू कर दी जिसमें बताया जा रहा था कि इस कपल ने 134 कोरोना पीड़ितों का इलाज किया, जिसके बाद वे भी संक्रमण का शिकार हो गए.
फैक्ट चेक: वायरल तस्वीर बार्सिलोना एयरपोर्ट की है. और दंपत्ति कोई डॉक्टर नहीं थे. वे एक प्रेमी जोड़े थे जिनकी तस्वीर को डॉक्टर बनाकर वायरल किया जा रहा था.
कोरोना वायरस का जीवन 12 घंटेव्हाट्सएप और फेसबुक डॉक्टरों ने बताया कि कोरोना वायरस का जीवन मात्र 12 घंटे है. लोग भी इसे एक दूसरे को शेयर करने लगे. इन डॉक्टरों को यह भी चिंता नही होती की किसी कि इनकी इन झूठ के वजह से जान भी जा सकती हैं.
फैक्ट चेक: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस झूठे वायरल मैसेज की सच्चाई बताई. दरअसल, 3 घंटे से 9 दिन तक यह वायरस जींदा रह सकता है. वो भी निर्भर करता है विभिन्न स्थितियों पर.
500 शेर रूस की सड़कों परखाली सड़क पर एक शेर की तस्वीर सोशल मीडिया में कई दिनों तक वायरल हुई. जिसमें यूजर्स लिख रहे थे कि रूस ने लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए रूस की सड़कों पर 500 शेर छोड़ दिए.
फैक्ट चेक: गूगल रिवर्स इमेज सर्च से पता चला कि यह तस्वीर 2016 में साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान की है. जोहान्सबर्ग में एक प्रोडक्शन क्रू की ओर से फिल्मांकन के लिए कोलंबस नाम के शेर को लाया गया था.
निमाजुद्दीन मरकज में प्रार्थना करते वीडियो की सच्चाईPurposefully sneezing to spread Corona virus at Hazrat Nizamuddin mosque in Delhi. pic.twitter.com/UQMWqwLfto
— Purushothaman pala (@puliyannur) March 31, 2020
सोशल मीडिया पर वायरस एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि यह निमाजुद्दीन इलाके है जहां कोरोना वायरस फैलाने के लिए ये लोग जान बूझकर छींक रहे हैं. 13 से 15 मार्च के बीच आयोजित हुए इस इवेंट में अलग-अलग राज्यों के लोग शामिल हुए थे.
फैक्ट चेक: दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में मार्च में तबलीगी जमात के आयोजन के दौरान की यह वीडियो नहीं है. दरसल वायरल वीडियो में लोग जिकिर/धिकर कर रहे हैं. यह इबादत करने का सूफी तरीका है, आमतौर पर सूफिज्म में ऐसा किया जाता है. लोग जिकिर में बार-बार एक ही प्रार्थना पढ़ते हैं. वायरल वीडियो कब और कहां शूट हुआ है यह कह पाना मुश्कील है.
पैर में हल्दी लगाने से कोरोना का इलाजकोरोना वायरस से त्रस्त लोगों को झूठा दिलासा देकर लोग यह भी सोशल मीडिया में फैला रहे थे कि हल्दी पैर में लगाने से कोरोना का संक्रमण नहीं हो पाता है.
फैक्ट चेक: विशेषज्ञों ने बताया कि हल्दी कई बिमारियों में लाभदायक होती है. इसका मतलब यह नहीं की कोरोना का इलाज पैर में हल्दी लगाने से हो जाएगा. यह दावा 100 प्रतिशत झूठ निकला.
पीएम मोदी ने इंटरनेट बंद करने की घोषणा की?कोरोना वायरस के चलते पीएम मोदी ने इंटरनेट बंद करने की घोषणा की है. सोशल मीडिया पर एक न्यूज चैनल का स्क्रीनशॉट लेकर ऐसा दावा किया जा रहा था.
फैक्ट चेक: सोशल मीडिया पर एक न्यूज चैनल के एक फर्जी स्क्रीनशॉट के जरिये कुछ लोग जो दावा कर रहे थे कि पीएम मोदी ने इंटरनेट बंद करने की घोषणा की है उसकी इस झूठ का पर्दाफाश उसी चैनल ने कर दिया.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.