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Coronavirus का कहर : डाॅक्टर और स्वास्थ्यकर्मी बड़ी संख्या में पाॅजिटिव, चरमरा जायेगी स्वास्थ्य व्यवस्था?

अब तक जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार बड़ी संख्या में डाॅक्टर्स कोरोना पाॅजिटिव हो रहे हैं. दिल्ली में लगभग 400 डाॅक्टर और हेल्थ वर्कर कोरोना पाॅजिटिव हुए हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2022 5:15 PM

देश में आज पिछले 24 घंटे में एक दिन में कोविड-19 के 90,928 नये मामले सामने आये हैं, जिसके बाद देश में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 285401 हो गयी है. इन हालात में डाॅक्टर्स और हेल्थ वर्कर्स का बड़े पैमाने पर कोरोना पाॅजिटिव होना बड़े खतरे का संकेत है, क्योंकि अगर मरीजों की संख्या बढ़ती गयी और उन्हें अस्पताल में भरती कराना पड़ा तो उनकी देखभाल और इलाज में परेशानी आ सकती है.

अब तक जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार बड़ी संख्या में डाॅक्टर्स कोरोना पाॅजिटिव हो रहे हैं. दिल्ली में लगभग 400 डाॅक्टर और हेल्थ वर्कर कोरोना पाॅजिटिव हुए हैं.

वहीं मुंबई में किंग एडवर्ड अस्पताल के 157 डाॅक्टर कोरोना पाॅजिटिव पाये गये हैं. वहीं जेजे ग्रुप के चार अस्पतालों में 61 डाॅक्टर कोरोना संक्रमित मिले हैं. अबतक कुल 260 डाॅक्टर संक्रमित हो चुके हैं और मरीजों की संख्या यहां जिस तरह से बढ़ रही है वह निश्चित तौर पर अस्पतालों पर बोझ बढ़ायेगा. ऐसी जानकारी भी मिल रही है कि मुंबई में 230 रेजिडेंट डाॅक्टर कोरोना पाॅजिटिव हो गये हैं.

चंडीगढ़ के PGI में कोरोना संक्रमित डाॅक्टरों की संख्या 146 हो गयी है. जबकि बिहार में अबतक 200 से अधिक डाॅक्टर संक्रमित हो चुके हैं. पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज में 72 डाॅक्टर पाॅजिटिव पाये गये थे.

झारखंड की राजधानी रांची में रिम्स के 52 डाॅक्टर अबतक कोरोना पाॅजिटिव हो गये हैं, जिनमें से 40 रेजिडेंट और 12 सीनियर डाॅक्टर हैं. वहीं बंगाल से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अबतक 300 से अधिक डाॅक्टर कोरोना पाॅजिटिव पाये गये हैं.

इसके अलावा उत्तर-प्रदेश, मध्यप्रदेश और पंजाब से भी डाॅक्टरों के कोरोना पाॅजिटिव होने की सूचना है, लेकिन संख्या की जानकारी अभी नहीं मिल पायी है. इन हालात में यह तो तय है कि अभी और भी डाॅक्टर कोरोना संक्रमित होंगे और ऐसे में अगर वे ज्यादा दिनों तक आइसोलेशन में रहे तो मरीजों का क्या होगा. अस्पताल में सिर्फ कोरोना के ही मरीज नहीं जाते बल्क अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीज भी जाते हैं और ऐसे में उनपर आफत आ सकती है.

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एक प्रतिशत आबादी भी संक्रमित हुई तो खतरा बढ़ेगा

एम्स के डाॅक्टर पी शरत चंद्रा ने एएनआई से बातचीत में कहा कि दिल्ली में हमलोग 2.5 करोड़ हैं अगर एक प्रतिशत आबादी भी अस्पताल में भरती होती है तो उनकी संख्या बहुत होगी और अगर हमारे पास डाॅक्टर नहीं होंगे और हेल्थ वर्कर नहीं होंगे तो स्थिति को संभालना मुश्किल हो जायेगा. डाॅक्टर चंद्रा ने कहा कि निश्चित तौर पर इस बार दूसरी लहर से खतरा कम है क्योंकि मरीजों में लक्षण गंभीर नहीं हैं, लेकिन यह भी सच है कि इस बार संक्रमण ज्यादा है.

आर वैल्यू 2.69 

गौरतलब है कि कल स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने प्रेस काॅन्फ्रेंस में बताया था कि इस बार कोरोना वायरस का आर वैल्यू 2.69 है, जबकि पिछली लहर में अधिकतम 1.69 आर वैल्यू था. ऐसे में कोरोना का संक्रमण देश में खतरा बनेगा इसमें कोई दो राय नहीं है और ऐसे में डाॅक्टरों की कमी हम नहीं झेल पायेंगे.

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