कोरोना का खौफः कई राज्यों में लॉकडाउन, ट्रेनें रद्द, विमानों पर रोक, अब आगे क्या होगा?

चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस (COVID-19) का प्रकोप धीरे-धीरे-150 से ज्यादा देशों में प्रवेश कर गया है. बीते एक हफ्ते में भारत में मरीजों की संख्या 230 पार कर गई. इस घातक ने वायरस के कारण देश में छह लोगों की मौत भी हो चुकी है. देश के कई राज्यों में लॉकडाउन है.

By Utpal Kant | March 22, 2020 2:37 PM
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चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस का प्रकोप धीरे-धीरे-150 से ज्यादा देशों में प्रवेश कर गया है. बीते एक हफ्ते में भारत में मरीजों की संख्या 230 पार कर गई. इस घातक ने वायरस के कारण देश में छह लोगों की मौत भी हो चुकी है. देश के कई राज्यों में लॉकडाउन है. अंतरराष्ट्रीय विमानों को रोक दिया गया है. आज से 31 मार्च तक ट्रेनं भी बंद कर दीं गई. कई राज्यों में अंतरराज्जीय बस सेवा को भी बंद कर दिया गया. स्कूल-कॉलेज, मॉल्स पहले से बंद हैं. समारोह पर भी रोक लगा हुआ है. देश के 20 राज्य कोरोना की चपेट में हैं. इसमें सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं. यहां दो लोगों की मौत भी चुकी है.

अब सवाल ये है कि अगर कोरोना पर कंट्रोल जल्दी नहीं हुआ तो आगे क्या होगा. वर्तमान स्थिति तक कोरोना अपने देश में दूसरे स्टेज में है. जो ताजा हालात हैं उसके मुताबिक, शायद अगले हफ्ते कोरोना तीसरे स्टेज में चला जाए. इस स्टेज के मतलब लोगों से लोगों को होना शुरू हो जाएगा, अब तक तो कोरोना उन्हें ही हुआ ता जो विदेश से लौटे ता या विदेश से लौटे लोगों के संक्रमण की चपेट में आए थे. आईसीएमआर (ICMR) पहले ही आगाह कर चुका है है कि कोरोना अगर तीसरे चरण में पहुंचा तो नुकासन ज्यादा होगा.

अगर लोग सावधानी नहीं बरतें, खुद का ध्यान नहीं रखेंगे तो भारत में भी कोरोना महामारी बन सकता है. इस संक्रमण के बढ़ते ख़तरे को देखते हुए सावधानी बरतने की ज़रूरत है ताकि इसे फैलने से रोका जा सके. इस की नतीजा है कि आज देश में जनता कर्फ्यू लगा हुआ है. कोरोना के बिहार में एक शख्स की मौत हो गयी. इसके बाद से केंद्र और राज्य सरकार के माथे पर बल है. वहीं पूरी दुनिया में इसके संक्रमण के दो लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और इस कारण 13,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

सेंटर फॉर डिज़ीज डायनेमिक्स के निदेशक डॉ. रामानन लक्ष्मीनारायण ने चेताया है कि भारत को कोरोना वारयस की ‘सुनामी’ के लिए तैयार रहना चाहिए. उनका मानना है कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले और तेज़ी से बढ़ेंगे. साथ ही ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं कि बाकी दुनिया के मुकाबले भारत में इसका असर कम हो सकता है. बीबीसी से बात करते हुए डॉक्टर रामानन लक्ष्मीनारायण ने कहा, हो सकता है हम बाकी देशों की तुलना में थोड़ा पीछे चल रहे हों, लेकिन स्पेन और चीन में जैसे हालात रहे हैं, जितनी बड़ी संख्या में वहां लोग संक्रमण की चपेट में आए हैं, वैसे ही हालात यहां बनेंगे और हो सकता है कुछ हप्तों में हमें कोरोना की सुनामी के लिए तैयार रहना चाहिए.

कोरोना वायरस संक्रमण के मामले भारत में फिलहाल काफी कम हैं. उन्होंने कहा,मुझे लगता है आने वाले दो से तीन दिनों में जब ज़्यादा लोगों के टेस्ट होंगे तो मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी. ये संख्या हज़ार के पार भी जा सकती है इसलिए हमें तैयार रहना चाहिए. भारत में ऐसे संक्रमण का फैलना बेहद आसान है और इसकी वजह यहां का जनसंख्या घनत्व है, जैसा कि चीन के साथ हुआ है. उन्होंने आशंका जताई है कि कोरोना वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन अब तेज़ी से बढ़ रहा है और हर एक पॉजिटिव केस दो नए केस बढ़ा रहा है.कम्युनिटी ट्रांसमिशन संक्रमण फैलने का तीसरा और थोड़ा ख़तरनाक स्तर है.कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए सरकार और आम लोगों को क्या कदम उठाने चाहिए? इस सवाल पर डॉ. ने कहा- हमारे पास हालात पर काबू पाने के लिए तीन हफ्ते का समय है. सब कुछ इसी दौरान करना है. उन्होंने कहा कि लोगों को घबराने की ज़रूरत नहीं है. किसी तरह की अफरातफरी न मचाएं लेकिन वो सारी सावधानियां बरतें जो इस महामारी से निपटने के लिए कर सकते हैं.हमें यह ध्यान रखना होगा कि ऐसी चीजें एक ही बार सामने आती हैं और तबाह करके चली जाती हैं.

सरकारों को भी इसकी आहट और इससे बचाव के उपायों का अंदाजा नहीं होता. इसलिए ये वो वक़्त है जब हमें संक्रमण से बचने और इससे लड़ने के लिए कमर कस लेनी चाहिए. वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस से संक्रमण के बाद इसके लक्षण सामने आने में पांच दिनों का समय लगता है लेकिन कुछ लोगों में इसके लक्षण दिखने में इससे ज्यादा वक्त भी लग सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के लक्षण 14 दिनों तक रहते हैं. लेकिन कुछ शोधकर्ताओं की राय में इसके लक्षण 24 दिनों तक रह सकते हैं.

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