कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में अब तक मई महीने में सबसे अधिक मौत दर्ज की गयी है. आंकड़ों के मुताबिक महज 19 दिनों में देश में 75,000 लोगों की मौत संक्रमण की वजह से हुई. इससे पहले सर्वाधिक मौत का रिकॉर्ड अप्रैल महीने में पार हुआ था जब लगभग 49,000 लोगों की मौत हुई थी.
अप्रैल मई को छोड़ दे तो इस साल के बाकी तीन महीने जनवरी, फरवरी और मार्च में प्रत्येक महीनें कोरोना से मौत का आंकड़ा 6,000 से भी कम था. जबकि कोरोना की पहली लहर में सितंबर 2020 में संक्रमण से सबसे अधिक मौत हुई थी. सितंबर में 33,000 लोगों की मौत हुई थी.
अगर कोरोना संक्रमण के दैनिक मामलों की बात करें तो इस सप्ताह के पहले दो दिनों तीन लाख से कम नये मामले सामने आये. आमतौर पर माना जाता है कि सप्ताह के अंत में कम जांच होने के कारण मामले कम आते हैं. पर, बुधवार को भी 2,76,476 मामले सामने आये. बुधवार को लगातार चौथे दिन 3 लाख से कम नये मामले सामने आये. इसके अलावा संक्रमण से मौत के दैनिक आंकड़ा भी 3,882 था जो चार हजार के नीचे रहा.
बुधवार को जारी स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 34,875 नये मामले सामने आये. इसके बाद कर्नाटक, महाराष्ट्र और केरल में मामले, इन सभी राज्यों में बुधवार को 30 हजार से अधिक नये मामले सामने आये. बुधवार को जारी कोरोना से हुई मौत के आंकड़ों के मुताबिक देश के 14 राज्यों में 100 से अधिक मौत दर्ज की गयी. सबसे अधिक 594 लोगों की मौत मगहाराष्ट्र में हुई. इसके बाद कर्नाटक 468 मरीजों की मौत के साथ दूसरे नंबर पर रहा. बिहार की बात करें तो यहां पर संक्रमण दर में गिरावट दर्ज की गयी है पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति अच्छी नहीं है.
1 मई लेकर 19 मई के आंकड़ो को देखे तो पता चलता है कि अधिकांश पूर्वी राज्यों में कोरोना के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है. जबकि देश के पश्चिमी राज्यों में संक्रमण के नये मामलों में कमी देखी जा रही है. दक्षिण में पूर्वी तट पर मामलों में वृद्धि हुई है क्योंकि तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में मामले बढ़े हैं,
जबकि केरल कर्नाटक और तेलंगाना में संक्रमण के मामले कम हो गये हैं. इस तरह से 1 मई से 19 मई के आंकड़ो के मुताबिक असम. बंगाल, त्रिपुरा और ओडिशा में संक्रमण के मामले बढ़े हैं. इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि क्या कोरोना की लहर पर पूर्वी राज्यों की शिफ्ट हो गयी है. क्योंकि इन 1 मई की तुलना में इन राज्यों से नये मामले अधिक आ रहे हैं.
Posted By: Pawan Singh