मेदांता के चेयरमैन डॉ नरेश त्रेहन ने कहा कि 90 प्रतिशत कोरोनावायरस के रोगी को अगर समय पर सही दवाइयाँ उपलब्ध कराई जाएँ तो वो घर पर ही ठीक हो सकते हैं. इसके अलावा डॉ त्रेहन ने बताया रेमडेसिविर हर मरीज के लिए जरूरी नहीं, माइल्ड केसेज में इससे और ज्यादा नुकसान हो सकता है. आपको बता दें कल एम्स (AIIMS) के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया, मेदांता के डॉ नरेश त्रेहान, HOD मेडिसिन और प्रोफेसर AIIMS डॉ नवीन विग और DG हेल्थ डॉ सुनील कुमार COVID-19 से संबंधित मुद्दों पर जानकारी दे रहे थे.
डॉ.त्रेहन ने बताए अनुलोम-विलोम और योग के फायदे
डॉ.त्रेहन ने कहा कि अनुलोम-विलोम, प्राणायाम से मरीजों को बहुत फायदा होता है क्योंकि लंबी सांस लेकर रोकने से फेफड़े में ऑक्सीजन की ज्यादा मात्रा पहुंचती है. इससे फेफड़ा मजबूत होता है. एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी बताया कि गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज से फायदा मिलेगा.
समझे ऑक्सीजन लेवल घटने का मतलब
डॉ. गुलेरिया ने कहा, कई लोग यह समझते हैं कि कल मेरी ऑक्सीजन सेचुरेशन 98 थी और आज 97 हो गई, इसका मतलब है कि ऑक्सीजन लेवल घटने लगा है. इसलिए, ऑक्सीजन लगाने की नौबत आ गई है. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन सेचुरेशन 94, 95, 97 है तो ऑक्सजीन लगाने की कोई जरूरत नहीं है.
डॉ गुलेरिया ने बताया “अगर हम COVID-19 की मौजूदा स्थिति के बारे में बात करते हैं, तो सार्वजनिक रूप से घबराहट होती है. इस दहशत के कारण, लोग अपने घरों में इंजेक्शन लगा रहे हैं, रेमेडिसविर दवा और ऑक्सीजन सिलेंडर की जमाखोरी शुरू हो गई है, जिसके कारण हम आपूर्ति में कमी का सामना कर रहे हैं और अनावश्यक दहशत पैदा की जा रही है.”
एक्टिव केस की कुल संख्या हुई 26 लाख से पार
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, रविवार को भारत में कुल एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 26,82,751 हो गई. यह संख्या देश के कुल संक्रमित मामलों का 15.82 फीसदी है. कल एक्टिव केस की संख्या में 1,29,811 मामलों की बढ़ोतरी हुई है. भारत के कुल एक्टिव केस में 8 राज्यों- महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु, गुजरात और केरल का कुल मिलाकर 69.94 प्रतिशत योगदान है.
Posted By: Shaurya Punj