19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ऐसे में कैसे होगा कोरोना कंट्रोल, 88 दिन में Vaccine की 58 लाख डोज बर्बाद, 87 करोड़ का हुआ नुकसान

Corona cases in India : केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि कुछ राज्यों में टीके के बर्बाद होने की दर आठ से नौ फीसदी तक है, जो चिंता का विषय है.

Corona cases in India : भारत में कोरोना का दैनिक मामला दो लाख के आंकड़ों को छू चुका है. देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ने की दर पर यदि गौर किया जाये, तो आशंका है कि इस महीने हर दिन पांच लाख तक कोरोना केस सामने आ सकते हैं. इतना ही नहीं, हर दिन करीब 25 हजार लोग अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं और करीब तीन से चार हजार मौतें भी हो सकती हैं. एक मीडिया समूह ने कोरोना के आंकड़ों के आधार पर अनुमान जताया है कि अगले चार सप्ताह भारत के लिए काफी मुश्किल भरे साबित हो सकते हैं.

समूह ने उम्मीद जतायी है कि लोगों की मदद, सरकार की नीतियों से इस अनुमान को गलत साबित किया जा सकेगा. हालांकि, राहत की बात है कि जिस तरह से दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन और अमेरिका में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में तेजी देखी गयी, ठीक उसी गति से कोरोना के मामलों में गिरावट भी देखी गयी है. जिस मॉडल को लेकर मीडिया समूह ने अनुमान जताया है, उसके मुताबिक महाराष्ट्र में भी अप्रैल के अंत और मई के शुरुआत तक कोरोना के मामलों में गिरावट देखी जा सकती है.

ऐसे में कैसे होगा कोरोना कंट्रोल : 88 दिन में टीके की 58 लाख खुराकें बर्बाद

राज्यों में टीकाकरण की ताजा समीक्षा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि देश में कोरोना वैक्सीनेशन के दौरान विभिन्न राज्यों में टीके की 58 लाख से भी अधिक खुराकें बर्बाद हुई हैं. केंद्र सरकार ने प्रति खुराक 150 रुपये की दर से इन्हें खरीदा था. इस हिसाब से टीकाकरण के 88 दिन में सरकार को 87 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है. रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक, 58,36,592 डोज बर्बाद हुए हैं, जिनकी कीमत तकरीबन 87.55 करोड़ रुपये है.

Also Read: निरंजनी अखाड़े ने महाकुंभ से हटने का किया फैसला, निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर की कोरोना से मौत के बाद संतों में दहशत

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि कुछ राज्यों में टीके के बर्बाद होने की दर आठ से नौ फीसदी तक है, जो चिंता का विषय है. बीते 35 दिन में पांच बार राज्यों को इसके लिए सख्त निर्देश दिये जा चुके हैं. यह सिलसिला जल्दी नहीं रुका, तो अगले एक से दो सप्ताह मे बर्बाद डोज की कीमत 100 करोड़ रुपये हो सकती है.

कैसे हो रहा टीकों का नुकसान

कोविशील्ड के एक वॉयल में 10 लोगों की खुराक होती है. जबकि कोवैक्सिन के एक वॉयल में 20 खुराक हैं. एक बार वॉयल खुल जाता है, तो चार घंटे के अंदर सभी डोज लगाना जरूरी है, लेकिन केंद्रों पर देखने को मिल रहा है कि एक-एक वॉयल की चार से पांच डोज बर्बाद ही रही है.

सबसे अधिक प्रभावित राज्य ही कर रहा सबसे अधिक बर्बादी

सर्वाधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में ही अब तक दी गयी 1.06 करोड़ खुराकों में से 90 लाख का इस्तेमाल हुआ, जबकि पांच लाख से अधिक खुराकें नष्ट करनी पड़ गयी. इस वजह से महाराष्ट्र में ही करीब साढ़े सात करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार केरल को छोड़ अन्य किसी भी राज्य में टीका बर्बाद होने की दर शून्य तक नहीं पहुंची है. देश में 88 दिन में Vaccine की 58 लाख डोज बर्बाद होने तथा Breaking News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें।

Posted by : Rajat Kumar

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें