Explainer: मुंबई में बढ़ रहे हैं BA.4 और BA.5 के मरीज, जानिए कितने खतरनाक हैं ओमिक्रॉन के ये वेरिएंट्स
Explainer: बीते साल नवंबर में कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका में पहली बार सामने आया था. इसके बाद से ये दुनिया के कई देशों में फैल गया. भारत में भी इसके मरीज सामने आने लगे. कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की अपेक्षा ओमिक्रॉन कम गंभीर जरूर है, लेकिन इसकी संक्रामकता बहुत ज्यादा है.
Coronavirus in India, Explainer: देश में एक बार फिर कोरोना रफ्तार पकड़ रहा है. मंगलवार को कोरोना वायरस के 6,594 नए मामले सामने आये. हालांकि, रविवार की तुलना में आंकड़ा कम है लेकिन फिर भी कोविड-19 की रफ्तार अब डरा रही है. यही हाल देश की आर्थिक राजधानी मुंबई का है, जहां कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. मुंबई में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के बीए.4 सब-वैरिएंट के तीन और बीए.5 सब-वैरिएंट का एक मामला सामने आया है. जाहिर है कोरोना के बढ़ते मामलों ने फिर देश की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि कई एक्सपर्ट्स जून में चौथी लहर आने की चेतावनी दे चुके हैं.
मुंबई में ओमिक्रॉन वेरिएंट के बीए.4 सब-वैरिएंट से खतरा
मुंबई में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के बीए.4 और बीए.5 सब वेरिएंट के मामले बढ़ रहे हैं. गौरतलब है कि, बीए.4 और बीए.5 कोरोना के बेहद संक्रामक ओमिक्रॉन स्वरूप के उप स्वरूप है. ओमिक्रॉन के कारण ही वैश्विक महामारी की तीसरी लहर देश में आई थी. अब एक बार फिर देश में कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है. इससे लोगों के बीच चौथी लहर की आशंका जोर पकड़ने लगी है.
कितने खतरनाक हैं ये सब-वैरिएंट्स
बीए.4 और बीए.5 कोरोना ओमिक्रॉन के बेहद संक्रामक उपस्वरूप है. यह सब-वैरिएंट्स BA.2 की तरह ही है. जिसके कारण भारत में कोरोना की तीसरी लहर आई थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी माना है कि ओमिक्रॉन के बाकी सब-वैरिएंट्स की तुलना में ये ज्यादा संक्रामक हैं. WHO ने यह भी कहा है कि, दुनिया के दर्जनभर देशों में BA.4 और BA.5 के मामले सामने आए हैं और इससे कोरोना के मामलों में फिर उछाल आ सकता है.
बीए.4 और बीए.5 वेरिएंट्स ऑफ कंसर्न
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल और यूरोपियन सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल ने सब वेरिएंट्स बीए.4 और बीए.5 को ‘वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न’ घोषित किया है. WHO ने ये भी कोरोना ओमिक्रॉन के सभी वेरिएंट को वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न माना है. और इसके खिलाफ सभी देशों से जरूरी कदम उठाने की अपील की है. डब्ल्यूएचओ की एक वैज्ञानिक मारिया वैन करखोव ने कहा है कि, अभी तक हमने बीए.4 और बीए.5 की संक्रामकता और गंभीरता में इसके पिछले वेरिएंट की तुलना में बहुत अंतर नहीं पाया, लेकिन ये आने वाले समय में बदल भी सकता है.
जाहिर है बीते साल नवंबर में कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका में पहली बार सामने आया था. इसके बाद से ये दुनिया के कई देशों में फैल गया. भारत में भी इसके मरीज सामने आने लगे. कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की अपेक्षा ओमिक्रॉन कम गंभीर जरूर है, लेकिन इसकी संक्रामकता बहुत ज्यादा है, इसी के कारण देश में कोरोना की तीसरी लहर आई.
क्यों सता रही है चिंता
ओमिक्रॉन के अब तक कई सब-वैरिएंट्स सामने आ चुके हैं. पहले बीए.1 (BA.1) और बीए.2 (BA.2) सब-वैरिएंट्स थे. इसके बाद बीए.4 (BA.4) और बीए.5 (BA.5) के नाम भी जुड़ गए.ये दोनों सब वेरिएंट्स बीए.1 और बीए.2 से कहीं ज्यादा घातक और संक्रामक हैं. अब अगर इसके मामले बढ़ते हैं तो देश में कोरोना की एक और लहर आ सकती है.
वैक्सीन को दे सकते हैं चकमा
ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट बीए.4 और बीए.5 ने कई ऐसे लोगों को भी संक्रमित किया जिन्होंने वैक्सीन पहले से ही ले रखी थी. यानी ये दोनों सब-वैरिएंट्स वैक्सीन को भी चकमा दे सकते हैं. इसके अलावा इस बात का भी खतरा है कि टूटकर अन्य म्यूटेंट भी बना सकते हैं, ऐसा होता है तो हो सकता है कि कोरोना का और ज्यादा घातक सब वेरिएंट सामने आ जाए.
इन देशों में मिले नये वैरिएंट
वायरस पर नजर रखने वाले ग्लोबल GISAID डेटाबेस में BA.4 और BA.5 के दर्जनों केस रिपोर्ट हुए हैं. यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी ने हाल में ही कहा था कि BA.4 के केस इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच साउथ अफ्रीका, डेनमार्क, बोत्सवाना, स्कॉटलैंड और इंग्लैंड, चीन, कोरिया, ताइवान समेत कई देशों में पाये गये हैं. गौरतलब है कि पहले पहल बीए.5 के सभी केस दक्षिण अफ्रीका में मिले थे.
Prabhat Khabar App: देश-दुनिया, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस अपडेट, क्रिकेट की ताजा खबरे पढे यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए प्रभात खबर ऐप.