Coronavirus, Coronavirus in india, covid-19 in state police forces and CAPF: हमारी-आपकी सुरक्षा में जुटे जवान भी कोरोना से त्रस्त है. कोरोना महामारी के कारण अलग अलग राज्यों की पुलिस और अर्धसैनिक बलों (सीएपीएफ) के 344 जवानों की मौत हो चुकी है वहीं संक्रमण के कुल मामले 60 हजार से ज्यादा है. जिन राज्यों की पुलिस में कोरोना ने कहर बरपाया है उसमें झारखंड पुलिस का भी नाम है. एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी द्वारा गठित गैरसरकारी संस्था इंडियन पुलिस फाउंडेशन (आईपीएफ) की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.
अर्धसैनिक बल केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतगर्त आता है जिसमें सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, असम राइफल्स, एनएसजी, एसएसबी शामिल है. आईपीएफ ने अपनी रिपोर्ट में एनडीआरएफ को भी शामिल किया है जो अर्धसैनिक बलों के जवान ही होते हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आईपीएफ जवानों में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा इसलिए जुटा रही है ताकि इस महामारी से निपटने और बचने के तौर-तरीकों पर चर्चा की जाए.
कोरोना के शुरुआती दौर में पुलिस जवान, एसएएफ, सीआरपीएफ और आर्मी के जवान संक्रमित निकले थे. अब बीएसएफ सहित अन्य दूसरे बलों में भी तेजी से कोरोना संक्रमित बढ़ रहे हैं. दूसरे राज्यों से ड्यूटी कर लौट रहे या फिर ट्रेनिंग आदि के लिए आ रहे जवान ही संक्रमित पाए जा रहे हैं.
देश के जिन बलों में सबसे ज्यादा पुलिसकर्मी कोरोना से संक्रमित हुए हैं, जिसमें महाराष्ट्र पहले नंबर पर है. दूसरे पर सीआरपीएफ, तीसरे पर वेस्ट बंगाल, चौथे पर बीएसएफ और पांचवे स्थान पर झारखंड पुलिस का नाम है. आईपीएफ के आंकड़ों के मुताबिक, राज्यों की पुलिस और अर्धसैनिक बलों में 26 अगस्त तक 60528 कोरोना के कुल मामले दर्ज किए गए जबकि 344 जवानों की मौत हो चुकी है. अलग अलग बलों के करीब 25 हजार जवान पिलहाल कोरेंटिन में हैं.
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महाराष्ट्र पुलिस 14,189 144
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सीआरपीएफ 6855 34
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वेस्ट बंगाल पुलिस 4500 27
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बीएसएफ 4030 14
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झारखंड पुलिस 3640 07
मार्च में जब लॉकडाउन की शुरुआत हुई तो राज्यों की पुलिस और अर्धसैनिक बलों को आवागमन पर रोक, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग में मदद, कोविड सेंटर की सुरक्षा इत्यादि जैसे कामों में लगाया गया. यह वो ड्यूटी थी जो उनके रुटिन के ड्यूटी से बिलकुल अलग थी.
झारखंड सहित कुछ अन्य राज्यों में लॉकडाउन के दौरान अर्धसैनिक बलों की मांग की गई. राज्यों की पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कई अधिकारियों के मुताबिक, जल्द से जल्द कोरोना जांच ही हमारी रणनीति है. शहरी क्षेत्रों में तैनात जवानों के लिए ऐसा सबसे पहले किया जाता है जिसका फायदा अब नजर आ रहा है.
Posted By: Utpal kant